मानसून सत्र : निश्चित समय से पहले ही स्थगित हुआ सत्र विपक्ष ने सरकार पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया
मानसून सत्र : निश्चित समय से पहले ही स्थगित हुआ सत्र विपक्ष ने सरकार पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया
कांग्रेस ने सोमवार को खत्म हुए संसद के इस मानसून सत्र को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए मंगलवार को दावा किया कि विपक्ष इस सत्र को 12 अगस्त की तय अवधि तक चलाना चाहता था, लेकिन सत्तापक्ष की तरफ से कोई उत्सुकता नजर नहीं आई. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की तरफ से कोई जवाबदेही नहीं दिखी.
हाइलाइट्ससंसद का मानसून सत्र अपने निश्चित समय से चार दिन पहले हीं सोमवार को अनिश्चित कल के लिए स्थगित हो गया. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगायी है. " सरकार की तरफ से कोई जवाबदेही नहीं दिखी."विपक्ष का कहना है कि हम मानसून सत्र 12 अगस्त तक चाहते थे.कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे कि महंगाई, बेरोजगारी, और 'अग्निपथ योजना' के भविष्य पर चर्चा करना चाहते थे.
नई दिल्ली. कांग्रेस ने सोमवार को खत्म हुए संसद के इस मानसून सत्र को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए मंगलवार को दावा किया कि विपक्ष इस सत्र को 12 अगस्त की तय अवधि तक चलाना चाहता था, लेकिन सत्तापक्ष की तरफ से कोई उत्सुकता नजर नहीं आई. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की कोई जवाबदेही नहीं दिखी. संसद का मानसून सत्र सोमवार को अपने निश्चित समय से चार दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. इस दौरान लोकसभा में मात्र 48 प्रतिशत कामकाज हुआ, वहीं राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण 47 घंटे का कामकाज बाधित हुआ. संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलना था.
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद के दो स्तंभ होते हैं. एक उत्पादकता है और दूसरा जवाबदेही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्पादकता की बात की है. हमारा यह कहना है कि उनकी अगुआई में इस सरकार की जवाबदेही खत्म हो चुकी है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘10 और 12 तारीख को हम बैठने के लिए तैयार थे, लेकिन सरकार की ओर से हमने कोई उत्सुकता नहीं देखी. भाजपा के सांसद ही चाहते थे कि सत्र आठ अगस्त को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करा दिया जाए. सत्तापक्ष की तरफ से कोई उत्सुकता नहीं दिखी.’’
रमेश ने कहा, ‘‘यह बहुत ही निराशाजनक सत्र था, हम कई मुद्दे नहीं उठा पाए. विपक्ष के दबाव और दो सप्ताह के गतिरोध के बाद सिर्फ महंगाई पर चर्चा हो सकी. सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना, सीमा पर चुनौतियों और कई राज्यों से जुड़े मुद्दे थे जिन पर हम चर्चा चाहते थे.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘शुक्र है कि सभापति एम वेकैंया नायडू के विदाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में एक घंटे मौजूद रहे. यह कई सत्रों के बाद हुआ कि प्रधानमंत्री सदन में उपस्थित रहे.’’
रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री का संसद को नजरअंदाज करना हम आठ साल से देख रहे हैं, लेकिन अब इस सरकार के मंत्री भी संसद को नजरअंदाज कर रहे हैं.’’ लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘समय से चार दिन पहले संसद सत्र को स्थगित कर भाजपा पूरी तरह से उजागर हो गई है कि इस सत्र में वह मुद्दों पर चर्चा से बचना चाहती थी. भाजपा हम पर इल्ज़ाम लगाती है कि कांग्रेस के कारण चर्चा नहीं होती, लेकिन वे स्वयं चर्चा से भाग गए.’’
विपक्ष का दावा है, ‘‘ऐसे बहुत सारे मुद्दे थे जो हम संसद में उठाना चाहते थे. हम सरकार से कई मुद्दों पर जवाब मांगना चाहते थे. हम ‘अग्निपथ योजना‘ के कारण भविष्य में बढ़ने वाली बेरोजगारी पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन हमारी मांगों को खारिज किया गया.’’
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Tags: Monsoon Session of Parliament, OppositionFIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 13:19 IST