Opinion-मोदी सरकार के प्रयास से अब दुर्गम नहीं रह जाएगी चारधाम यात्रा
Opinion-मोदी सरकार के प्रयास से अब दुर्गम नहीं रह जाएगी चारधाम यात्रा
Opinion-मोदी सरकार ने दुर्गम माने जाने वाले देशभर के तीर्थ स्थानों की राह आसान कर दी है. इसी कड़ी में अब चारधाम भी होगा. यहां पहुंचाना मुश्किल नहीं रहेगा. हर उम्र के लोग आसानी से चारधाम की यात्रा कर सकेंगे. मोदी सरकार केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे चलाने जा रही है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया.
शरद
नई दिल्ली. मोदी सरकार ने दुर्गम माने जाने वाले देशभर के तीर्थ स्थानों की राह आसान कर दी है. इसी कड़ी में अब चारधाम भी होगा. यहां पहुंचाना मुश्किल नहीं रहेगा. हर उम्र के लोग आसानी से चारधाम की यात्रा कर सकेंगे. मोदी सरकार केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे चलाने जा रही है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया.
रोपवे के निर्माण के बाद आवाजही आसान हो जाएगी. केदारनाथ (Kedarnath) का सफर गौरीकुंड से 5-6 घंटे के बजाए केवल 28 मिनट का होगा. इस तरह हर उम्र के लोग आसानी से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर सकेंगे.
श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए केन्द्र सरकार (central government) ने यहां पर रोपवे (Ropeway) निर्माण का फैसला किया है. रोपवे निर्माण का काम अगले साल शुरू में प्रारंभ हो जाएगा. रोपवे निर्माण से लेकर शुरू होने में 3 साल का समय लग जाएगा.
मौजूदा समय केदारनाथ जाने का दो विकल्प हैं, पहला पैदल 7-8 घंटे का सफर कर पहुंचा जा सकता है और दूसरा हेलीकॉप्टर सेवा है. हेलीकॉप्टर सेवा महंगी होने के साथ साथ अधिक मांग होने की वजह से असानी से उपलब्ध नहीं होता है. इस वजह से ज्यादा श्रद्धालु पैदल ही केदारनाथ पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा को सड़क परिवहन मंत्रालय रोपवे निर्माण पर काम शुरू कर दिया है. इसका निर्माण एनएचएआई की कंपनी एनएचएलएमएल कर रही है.
एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौड़ बताते हैं कि सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देशन में केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे निर्माण की प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है. पहाड़ी इलाका होने की वजह से निर्माण कार्य में समय लगेगा. तीन साल में रोपवे निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. इस तरह वर्ष 2026 से केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे से पहुंचा जा सकेगा.
देश में पहली बार इस्तेमाल होगी विश्व की सबसे सुरक्षित तकनीक
सीईओ प्रकाश गौड़ के अनुसार इस रोपवे में देश में पहली बार विश्व की सबसे सुरक्षित तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. थ्री एस ट्राइ केबल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें केबल कार तीन तारों पर चलेगी. यह तकनीक विश्व में कुछ चुनिंदा जगह इस्तेमाल की गयी है.
केदारनाथ रोपवे पर एक नजर
रोपवे की कुल लंबाई 9.7 किमी. होगी.
गौरीकुंड से शुरू होकर केदारनाथ पहुंचेगा.
कुल चार स्टेशन बनेंगे
केदानाथ के अलावा गौरीकुंड, चिरवासा और लिंटोली स्टेशन होंगे.
पूरे प्रोजेक्ट में 15 टॉवर बनेंगे.
1269 करोड़ रुपये अनुमानित लागत है.
हेमकुंड साहिब रोपवे पर एक नजर
रोपवे की कुल लंबाई 12.4 किमी. होगी.
गोविंदघाट से शुरू होकर हेमकुंड साहिब पहुंचेगा.
कुल सात स्टेशन बनेंगे
1162 करोड़ रुपये अनुमानित लागत है.
गोविंदघाट से भागडि़यां तक मोनो केबल और वहां से हेमकुंड साहिब तक ट्राइ केबल से 10 सीटों वाला डंगोला चलेगा.
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Tags: PM ModiFIRST PUBLISHED : October 21, 2022, 17:40 IST