यूपी के इन जिलों में खुलेंगे स्कूल स्कूल इस मॉडल को अपनाएगी सरकार
यूपी के इन जिलों में खुलेंगे स्कूल स्कूल इस मॉडल को अपनाएगी सरकार
डीआईओएस राजीव दीक्षित ने बताया कि प्रदेश के 16 जिलों से सैनिक स्कूल खोलने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है ताकि मंडलों में कम से कम एक सैनिक स्कूल की स्थापना हो सके. उन्होंने बताया कि जिले में बैठक कर विद्यालय प्रबंधकों से प्रस्ताव लिया जाएगा और इन प्रस्तावों को रक्षा मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. इसमें एनजीओ से संचालित स्कूल भी शामिल हो सकते हैं.
मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के बाद अब सैनिक स्कूलों की स्थापना की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. राज्य सरकार ने 16 जिलों में सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी मॉडल) के तहत नए सैनिक स्कूल खोलने के लिए प्रस्ताव मांगा है.
मिर्जापुर सहित आजमगढ़, प्रयागराज, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, बांदा, मेरठ, कानपुर और वाराणसी जैसे जिलों में प्रस्तावित सैनिक स्कूलों के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिया है.
रक्षा मंत्रालय को भेजना होगा प्रस्ताव
मिर्जापुर में लायंस क्लब ने सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित कर ली है और शासन को प्रस्तावित करने की तैयारी की जा रही है. प्रस्तावित सैनिक स्कूल के लिए एनजीओ द्वारा संचालित स्कूलों को सैनिक स्कूलों में परिवर्तित करने या नए स्कूल की स्थापना का विकल्प दिया गया है. डीआईओएस को निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द अपने जिलों में बैठक करके विद्यालय प्रबंधकों से प्रस्ताव तैयार कराकर रक्षा मंत्रालय को भेजें.
पीपीपी मॉडल पर बनेगा सैनिक स्कूल
मथुरा और इटावा में पहले से ही पीपीपी मॉडल पर सैनिक स्कूल संचालित हो रहा है. प्रस्तावित 16 नए सैनिक स्कूल भी इसी मॉडल के तहत तैयार किया जाना है. इसके तहत शैक्षिक भवन, हॉस्टल और खेल की सुविधा उपलब्ध कराया जाना है. अगर कोई निजी संस्थान इन स्कूलों को खोलना चाहते हैं, तो सरकार उन्हें कई रियायतें प्रदान करेगी. मिर्जापुर में बरकछा कलां क्षेत्र में भूमि चिन्हित की गई है, जहां यह स्कूल स्थापित किया जा सकता है.
16 जिलों से मांगा गया है प्रस्ताव
डीआईओएस राजीव दीक्षित ने लोकल 18 को बताया कि प्रदेश के 16 जिलों से सैनिक स्कूल खोलने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है ताकि मंडलों में कम से कम एक सैनिक स्कूल की स्थापना हो सके. उन्होंने बताया कि जिले में बैठक कर विद्यालय प्रबंधकों से प्रस्ताव लिया जाएगा और इन प्रस्तावों को रक्षा मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. इस प्रक्रिया के बाद राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सैनिक स्कूलों का संचालन किया जाएगा. मिर्जापुर और अन्य जिलों में सैनिक स्कूल की स्थापना से ना केवल स्थानीय छात्रों को उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, बल्कि सेना में जाने के इच्छुक छात्रों के लिए भी नए अवसर खुलेंगे. यह कदम छात्रों को राष्ट्रीय सेवा के लिए तैयार करने में मदद करेगा.
Tags: Defence ministry, Local18, Mirzapur news, Sainik School, UP newsFIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 11:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed