कानपुर के कृष्णा का नेशनल टीम में हुआ सेलेक्शन इशारों पर नचाते हैं फुटबॉल

कानपुर के कैंट क्षेत्र में रहने वाले कृष्ण अग्रवाल बचपन से ही मूक बधिर हैं. वह ना तो बोल सकते हैं औ ना सुन सकते हैं. लेकिन उनके टैलेंट का जलवा स्टेट प्रतियोगिताओं से लेकर नेशनल टूर्नामेंट में दिख चुका है. अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में वह देश की ओर से खेलते हुए नजर आएंगे.

कानपुर के कृष्णा का नेशनल टीम में हुआ सेलेक्शन इशारों पर नचाते हैं फुटबॉल
कानपुर: यहांं रहने वाले कृष्णा उन लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है. जो लोग अपनी किसी शारीरिक कमी के चलते अपने आप को कमजोर मानते हैं या फिर कुछ अलग करने के लिए नहीं सोचते हैं. कानपुर के रहने वाले कृष्णा भले ही आम लोगों की तरह बोल और सुन ना पाए हो, लेकिन उनके टैलेंट का बोलबाला पूरे देश में है. इतना ही नहीं अब वह देश का प्रतिनिधित्व करने स्वीडन जा रहे हैं जहां पर होने वाले गोठिया कप में वह स्पेशल एबिलिटी भारतीय फुटबॉल टीम की ओर से खेलते हुए नजर आएंगे. जानिए कौन हैं कृष्णा अग्रवाल और कैसे शुरू हुआ कृष्णा का फुटबॉल का ये सफर. बचपन से मूक बधिर है कृष्णा कानपुर महानगर के कैंट क्षेत्र में रहने वाले कृष्ण अग्रवाल बचपन से ही मूक बधिर हैं. वह ना तो बोल सकते हैं औ ना सुन सकते हैं. लेकिन उनके टैलेंट का जलवा स्टेट प्रतियोगिताओं से लेकर नेशनल टूर्नामेंट में दिख चुका है. अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में वह देश की ओर से खेलते हुए नजर आएंगे. इसके पहले कृष्णा कई नेशनल प्रतियोगिताओं में यूपी की ओर से खेल चुके हैं और उन्होंने यूपी को जीत दिलाई है. स्वीडन में फुटबॉल टूर्नामेंट में भारतीय टीम की ओर से खेलेंगे कृष्णा स्वीडन में होने वाले गोठिया कप फुटबॉल टूर्नामेंट में कानपुर के रहने वाले कृष्णा स्पेशल एबिलिटी भारतीय फुटबॉल टीम में खेलते हुए नजर आएंगे. 14 जुलाई से शुरू हो रही यह ट्रॉफी 20 जुलाई तक चलेगी. नेशनल टीम में उत्तर प्रदेश से सिर्फ दो खिलाड़ी चयनित किए गए हैं जिसमें कानपुर से कृष्ण अग्रवाल हैं तो एक अन्य खिलाड़ी गाजियाबाद से हैं. बचपन से जिद्दी कृष्ण अग्रवाल की मां पारुल अग्रवाल ने बताया कि कृष्ण बचपन से बेहद जिद्दी थे वहीं कक्षा 8 साल की उम्र में उनका दाखिला प्रेरणा स्पेशल स्कूल में करवाया गया था. जहां से उनके फुटबॉल की शुरुआत हुई और देखते-देखते वह इस पर एक अलग मुकाम हासिल करते चले गए. कृष्ण के कोच सत्येंद्र ने बताया कि कृष्णा भैया टैलेंटेड हैं. कृष्ण को फुटबॉल सीखाने के लिए उन्होंने खुद स्पेशल लैंग्वेज सीखी और ट्रेनिंग ली. ताकि वह अच्छे से कृष्ण को तैयार कर सके. कृष्णा वर्तमान में डिफेंडर की जगह खेलते हैं और स्पेशल भारती टीम में सबसे अच्छे डिफेंडरों में से एक है. Tags: Football news, Local18FIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 16:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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