एक्शन लें या MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग वाले MLA पर कांग्रेस में असमंजस
एक्शन लें या MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग वाले MLA पर कांग्रेस में असमंजस
Maharashtra MLC Poll Cross Voting: हाल ही में हुए एमएलसी चुनावों के दौरान अपुष्ट रिपोर्टों ने संकेत दिया था कि क्रॉस-वोटिंग हो सकती है. जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन को एमवीए से अतिरिक्त वोट मिल सकते हैं. हालांकि, ऐसा लगता है कि एमवीए नेताओं, खासकर कांग्रेस के नेताओं ने चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया.
मुंबई. लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में असाधारण प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस को हाल ही में विधान परिषद (एमएलसी) के 11 सदस्यों के लिए हुए चुनाव में झटका लगा. हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार प्रज्ञा सातव ने प्रथम वरीयता के वोटों के साथ आराम से जीत हासिल की. जबकि पार्टी के साफ आदेश के बावजूद कुछ कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. क्रॉस वोटिंग के कारण महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवार जयंत पाटिल हार गए. वहीं भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को अपने नौवें उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद सफलता मिल गई.
यह स्थिति 2022 के चुनाव को दिखाती है, जहां कांग्रेस के प्रथम वरीयता के उम्मीदवार उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे, एमएलसी चुनाव हार गए. जबकि द्वितीय वरीयता के उम्मीदवार भाई जगताप को अतिरिक्त वोट मिले और वे जीत गए. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार की 2022 की पराजय के बाद राज्य नेतृत्व द्वारा कांग्रेस आलाकमान को एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बावजूद, उन विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
क्रॉस-वोटिंग के दावे
हाल ही में हुए एमएलसी चुनावों के दौरान अपुष्ट रिपोर्टों ने संकेत दिया था कि क्रॉस-वोटिंग हो सकती है. जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन को एमवीए से अतिरिक्त वोट मिल सकते हैं. हालांकि, ऐसा लगता है कि एमवीए नेताओं, खासकर कांग्रेस के नेताओं ने चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया. जिसके कारण उनके खेमे से क्रॉस-वोटिंग हुई. उसी शाम राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि ‘क्रॉस-वोटिंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’ क्रॉस-वोटिंग करने वालों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. राज्य नेतृत्व ने कांग्रेस आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
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फैसले की जवाबदेही आलाकमान पर
कांग्रेस जब अपने किसी सांसद या विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है, तो संबंधित नेताओं को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगने के लिए एक समिति बनाई जाती है. इसके बाद समिति कांग्रेस अध्यक्ष को कार्रवाई की सिफारिश करती है. महाराष्ट्र कांग्रेस के भीतर इस कार्रवाई को लेकर चर्चा चल रही है कि पार्टी आलाकमान कार्रवाई करने से कतरा सकता है. क्योंकि लोकसभा चुनावों के सकारात्मक नतीजों के बीच इसका असर आगामी राज्य चुनावों पर पड़ सकता है. कुछ विधायकों का मानना है कि इन विधायकों को पाला बदलने से रोकने के लिए राज्य चुनावों के बाद कार्रवाई की जानी चाहिए. राज्य नेतृत्व ने अब इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस आलाकमान पर डाल दी है.
Tags: CongressFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 13:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed