यहां आज भी मौजूद है अनछुआ बौद्धकालीन स्तूप जानें इसका रहस्य
यहां आज भी मौजूद है अनछुआ बौद्धकालीन स्तूप जानें इसका रहस्य
Maharajganj News: महाराजगंज के राम ग्राम में स्थित इस स्तूप के पास एक बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है कि यह स्तूप पुरातात्विक बौद्ध कालीन है तथा गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद प्राप्त अस्थि अवशेष के 1/8 वें भाग पर राम ग्राम के कोलियों द्वारा इस विशाल स्तूप का निर्माण कराया गया था.
महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में चौक बाजार के नजदीक जंगलों में बौद्धकालीन स्तूप मौजूद है. इसमें एक बड़ा स्तूप और इसके आसपास अन्य बौद्ध कालीन संरचनाएं दिखती हैं, जो इसके इतिहास की गवाह हैं. जिले में मौजूद इस स्तूप का संबंध गौतम बुद्ध से है. महान सम्राट अशोक भी इस स्तूप तक आए थे और यहां कई दिनों तक रुके भी. हालांकि यहां उनके रुकने के पीछे की एक अलग वजह है.
महाराजगंज के राम ग्राम में स्थित इस स्तूप के पास एक बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है कि यह स्तूप पुरातात्विक बौद्ध कालीन है तथा गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद प्राप्त अस्थि अवशेष के 1/8 वें भाग पर राम ग्राम के कोलियों द्वारा इस विशाल स्तूप का निर्माण कराया गया था. देवदह रामग्राम बौद्ध विकास समिति (उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष जितेंद्र राव ने बताया कि यह स्तूप मौजूद अन्य सभी स्तूपों से अलग है. क्योंकि यह अभी तक का अनछुआ स्तूप है.
यह भी पढ़ें- बंद पड़े मकान से निकलने लगा सांप, नजारा देख शख्स के उड़े होश… फिर ऐसे हुआ रेस्क्यू
यहां रुके थे महान सम्राट अशोक
जितेंद्र राव ने बताया कि महान सम्राट अशोक भी इस स्तूप तक आए थे. सम्राट अशोक इस स्तूप को खोदना चाहते थे. लेकिन यहां के कोलियों ने उनसे आग्रह विनय किया कि इस स्तूप का न खोदा जाए. हालांकि सम्राट अशोक इस समय हिंसा का त्याग कर चुके थे तो उन्होंने कोई भी हिंसात्मक कदम नहीं उठाया. इस स्तूप को न खोदने का निर्णय लिया. जितेंद्र राव आगे बताते हैं कि सम्राट अशोक इस स्तूप के पास लगभग एक हफ्ते तक रुके थे. महाराजगंज जिले में मौजूद यह स्तूप अपने बौद्ध कालीन इतिहास के लिए जाना जाता है.
Tags: Local18, Maharajganj News, UP newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 16:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed