एक नोटबुक एक पेन पहल क्या है जिसने हजारों बच्चों को पढ़ाई का दिया साधन

Mahaparinirvan Diwas 2024: एक वोही, एक पेन पहल ने फूलों की जगह शिक्षा को श्रद्धांजलि का माध्यम बनाया है. यह 10 साल पुरानी पहल चैत्यभूमि, दादर से शुरू होकर हजारों बच्चों तक शिक्षा पहुंचा रही है. हर नोटबुक और पेन बच्चों के भविष्य को बदलने का साधन बन रहा है. इससे जुड़ें और बदलाव का हिस्सा बनें.

एक नोटबुक एक पेन पहल क्या है जिसने हजारों बच्चों को पढ़ाई का दिया साधन
मुंबई: भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर आज पूरे राज्य से अनुयायी दादर स्थित चैत्यभूमि में पहुंचे हैं. अक्सर ये अनुयायी श्रद्धांजलि स्वरूप फूल या माला लाते हैं, जिनका उपयोग न होने पर ये निर्माल्य में बदल जाते हैं. इस समस्या को रोकने के लिए सुजीत जाधव और उनकी टीम FAM ग्रुप ने “एक वोही एक पेन” नामक पहल शुरू की है. 10 साल पुरानी पहल यह ग्रुप पिछले 10 वर्षों से ‘एक नोटबुक, एक पेन’ पहल को सफलतापूर्वक चला रहा है. आज सुबह से ही दादर स्थित चैत्यभूमि में 50 दर्जन से अधिक नोटबुक्स इकट्ठा हो चुकी हैं. सुजीत जाधव का अनुमान है कि पूरे दिन में 400 से 500 दर्जन पुरानी और बेकार नोटबुक्स एकत्र की जाएंगी. डॉ. आंबेडकर का संदेश और पहल का उद्देश्य डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने शिक्षा को हर व्यक्ति का अधिकार बताया था. इसी विचार को ध्यान में रखते हुए, यह ग्रुप लोगों को संदेश दे रहा है कि डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देते समय फूलों और मालाओं की जगह एक नोटबुक और एक पेन अर्पित करें. जरूरतमंद बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना जो नोटबुक्स और पेन इस पहल के तहत इकट्ठा किए जाते हैं, उन्हें 3 जनवरी (सावित्री ज्योतिबा फुले की जयंती) से 12 जनवरी (माता जिजाऊ की जयंती) के बीच विभिन्न स्कूलों में जरूरतमंद छात्रों को वितरित किया जाता है. इस पहल का उद्देश्य छात्रों को शिक्षा में सहायता प्रदान करना है और उनकी पढ़ाई को बढ़ावा देना है. ये पेड़ देता है 1000 यज्ञों का पुण्य! भूकंप में घर की सुरक्षा और सांसों की तकलीफ भी करेगा दूर हर नोटबुक और पेन से बढ़ेगी शिक्षा इस अनूठी पहल के माध्यम से न केवल पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया जा रहा है, बल्कि जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा का साधन भी प्रदान किया जा रहा है। हर नोटबुक और पेन एक छात्र के भविष्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. यह पहल डॉ. आंबेडकर के विचारों को एक नई दिशा देते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन गई है. Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 23:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed