इस शहर से शुरू हुई बड़े मंगल की परंपरा जानिए इस दिन क्यों होता है भंडारा
इस शहर से शुरू हुई बड़े मंगल की परंपरा जानिए इस दिन क्यों होता है भंडारा
Bada Mangal 2024: 28 मई को बड़े मंगल की शुरूआत होने जा रही है. इस दौरान लखनऊ में जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं बड़े मंगल की शुरूआत कहां से हुई है और इस दिन भंडारा क्यों कराया जाता है. आइए जानें
लखनऊ /अंजलि सिंह राजपूत: राम भक्त हनुमान को समर्पित ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल शुरुआत कल यानी 28 मई से होने जा रही है. इस साल चार बड़े मंगल पड़ेंगे. बड़े मंगल को अवध क्षेत्र में खासतौर पर लखनऊ में धूमधाम से मनाया जाता है. जगह-जगह भंडारे होते हैं. मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिसके लिए शासन प्रशासन पूरी तैयारियां करता है. दर्शन के लिए सुबह 5 बजे मंदिरों के कपाट खोल दिए जाएंगे. देर रात तक कपाट खुले रहेंगे. पांच किलो के बूंदी का भोग श्री हनुमानजी को लगाया जाएगा. साथ ही चोला भी चढ़ाया जाएगा. इस अवसर पर आज लोकल 18 बताने जा रहा है कि आखिर बड़े मंगल को मनाने की परंपरा कहां से शुरू हुई और क्यों इस दिन भंडारे होते हैं.
नवाबों के शहर लखनऊ में एक ऐसे नवाब भी हुए हैं, जो हनुमान जी के बड़े भक्त थे. यह नवाब और कोई नहीं, बल्कि नवाब वाजिद अली शाह थे. देश के जाने-माने इतिहासकार स्वर्गीय डॉक्टर योगेश प्रवीन ने अपनी किताब लखनऊ नामा में लिखा है कि नवाब वाजिद अली शाह ने अलीगंज स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में भंडारा कराया था. यहीं नहीं, बड़े मंगल की शुरुआत भी नवाब वाजिद अली शाह और उनकी बेगमों ने करवाई थी.
बंदरों को मारने पर थी पाबंदी
नवाब वाजिद अली शाह और उनकी बेगमों की तरफ से इसी मंदिर में बंदरों को चना भी खिलाया जाता था. खास बात यह है कि वाजिद अली शाह बजरंगबली के प्रति इतनी अधिक श्रद्धा रखते थे कि उनके नवाबी काल में बंदरों की हत्या पर भी प्रतिबंध था. स्वर्गीय इतिहासकार डॉ. योगेश प्रवीण ने अपनी किताब लखनऊनामा में लिखा है कि नवाब वाजिद अली शाह के नवाबी काल में एक बार किसी ने बंदरों पर बंदूक चला दी थी, तो उसको इसका भुगतान भी करना पड़ा.
मंदिर पर लगवाया चांद
नवाब वाजिद अली शाह ने अलीगंज स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के शिखर पर जो चांद लगवाया गया था, वह आज भी वहां मौजूद है. कहते हैं कि नवाब वाजिद अली शाह बजरंगबली से बेहद प्रभावित हुए थे. इसलिए प्राचीन हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन करने के साथ ही वह भंडारा भी करते थे और उन्होंने निशानी के तौर पर वहां चांद लगवाया था.
Tags: Local18, Lucknow news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 15:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed