सेना में डॉग्स की जगह लेगा मॉनिटरिंग में माहिर 4 पैरों वाला ये रोबोट
सेना में डॉग्स की जगह लेगा मॉनिटरिंग में माहिर 4 पैरों वाला ये रोबोट
अविनाश भास्कर ने बताया कि यह रोबोट बैटरी से चलता है. एक घंटे का इसका बैटरी बैकअप है. मॉनिटरिंग के लिए इसमें एक कैमरा लगा हुआ है और रिमोट से इसे चलाया जाता है और लैपटॉप के जरिए इसकी मॉनीटरिंग की जाती है.
अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. अभी तक भारतीय सेना अपने सर्च ऑपरेशन में आर्मी डॉग का इस्तेमाल करती थी, जिसमें आर्मी डॉग के सिर पर कैमरा बांधकर मॉनिटरिंग की जाती थी कि आतंकवादी कहां छुपे हैं. इसके बाद आतंकवादियों का सफाया किया जाता था लेकिन अब तेजी से विकसित हो रहे देश में आर्मी डॉग की जगह स्वान रोबोट लेगा. जिसके चार पैर हैं. गड्ढा आने पर यह उछल भी सकता है और स्वान रोबोट पर भी कैमरा लगा हुआ है जिसके जरिए दूर बैठकर भी उस लोकेशन की मॉनिटरिंग की जा सकती है.
स्वान रोबोट के बारे में सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी लेकिन आपको बता दें कि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर शक्ति गुप्ता के निर्देशन में पीएचडी के होनहार छात्रों अविनाश भास्कर और अमृतांशु मनु ने ऐसे ही एक अनोखे रोबोट को बना दिया है. यह कमर्शियल है. आर्मी ने भी इसे लेने के लिए अपनी हामी भर दी है. उत्तर प्रदेश सरकार भी अपने कई कामों के लिए इसका इस्तेमाल करने पर मंथन कर रही है. आखिर यह रोबोट कैसे काम करता है और कितने दिन में इसे बनाया गया यही जानने के लिए अविनाश भास्कर से न्यूज 18 लोकल ने बात की. उन्होंने बताया कि 2019 में इस रोबोट को रिसर्च प्रोजेक्ट के तौर पर बनाना शुरू किया था, लेकिन जैसे-जैसे इसकी कार्य क्षमता नजर आने लगी तो इसे कमर्शियल करने का फैसला लिया गया.
क्या है स्वान रोबोट की खासियत?
अविनाश भास्कर ने बताया कि यह रोबोट बैटरी से चलता है. एक घंटे का इसका बैटरी बैकअप है. मॉनिटरिंग के लिए इसमें एक कैमरा लगा हुआ है और रिमोट से इसे चलाया जाता है और लैपटॉप के जरिए इसकी मॉनीटरिंग की जाती है. स्वान एम-2 रोबोट इसका नाम इसीलिए रखा गया है क्योंकि इसके कुत्ते की तरह चार पैर हैं. यह उछल भी सकता है. पहाड़ी क्षेत्र में भी यह आसानी से चल सकता है. अगर कहीं बहुत भीड़ है वहां की मॉनिटरिंग करनी है तो भी इसे भीड़ में भेजा जा सकता है.
पूरी तरह स्वदेशी है ये रोबोट
छात्र अमृतांशु ने बताया कि यह रोबोट पूरी तरह से स्वदेशी है. अभी तक भारत रोबोट और दूसरी चीजों को विदेश से मांगता था लेकिन अब विदेशों से लेने की जरूरत नहीं है. बल्कि अगर हमारा यह रोबोट सफल रहा तो विदेशों में भी इसकी मांग बढ़ेगी और भारत का नाम रोशन होगा. इसे कमर्शियल करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यही है. उन्होंने बताया कि यह रोबोट हमारे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
Tags: Local18, Lucknow news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 6, 2024, 17:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed