कांवड़ मार्ग की दुकानों पर नाम लिखने पर घमासान क्यो

कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाली दुकानों पर नाम लिखने का आदेश यूपी के साथ ही उत्‍तराखंड में लागू हो चुका है. राजनेताओं और धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ ही रही है. फिर भी एक बात साफ हो गई है कि दुकानों पर सभी को अपने नाम लिखने ही होंगे.

कांवड़ मार्ग की दुकानों पर नाम लिखने पर घमासान क्यो
गंगा से जल लेकर गंगाधर को चढ़ाने की कांवड़ यात्रा लंबे वक्त से हो रही है. हालांकि इस यात्रा की शुरुआत कब हुई थी, इस बारे में धार्मिक ग्रंथों में बहुत साफ-साhttps://cms.ibnkhabar.com/wp-admin/post.php?post=8501505&action=editफ नहीं मिलता. लोगों से बातचीत करने और नेट पर सर्च करने से कुछ कथाएं जरूर मिलती हैं. इसमें पहली कथा श्रवण कुमार की थी. श्रवण कुमार ने कांवड़ में बिठाकर अपने बूढ़े माता-पिता को गंगा स्नान कराया था. दूसरी कथा परशुराम की मिलती है. परशुराम भगवान शिव के शिष्य और भक्त थे. उन्होंने सावन के महीने में जल लेकर शिवजी का अभिषेक शुरू किया था. तीसरी कहानी समुद्र मंथन से जुड़ी है. जब शिवजी ने मंथन से निकला जहर पी लिया तो उन्हें विष के प्रभाव से उलझन और गर्मी होने लगी. जहर के नकारात्मक असर को कम करने के लिए उन पर लगातार गंगा-जल, दूध वगैरह शीतल करने वाली चीजें डाली गईं. कहा जाता है कि गंगा-जल ले आने के लिए शिव-भक्त रावण ने कांवड़ का प्रयोग किया था. कांवड़ यात्रा खूब बढ़ी लोकश्रुति जो भी सही हो, ये हकीकत है कि पिछले ढाई-तीन दशकों में कांवड़ यात्रा का असर बहुत बढ़ा है. बहुत से श्रद्धालु हरिद्वार या दूसरी पवित्र जगहों से जल लेकर पैदल अपने आराध्य के मंदिर तक आते हैं. शिव को जल चढ़ाकर उनकी कृपा हासिल करते हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने बहुत सारी व्यवस्थाएं की. इन व्यवस्थाओं से कांवड़ यात्रियों को सुविधाएं भी हुई. साथ ही अपने काम के लिए सड़कों का इस्तेमाल करने वाले आम लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी दी गई. कांवड़ मार्ग आदेश. डीआईजी अभिषेक सिंह का आदेश ये सब हस्बेमामूल चल ही रहा था. इस साल मुजफ्फरनगर के एसएसपी, जो डीआईजी रैंक के हैं, अभिषेक सिंह ने अचानक एक नया फरमान जारी कर दिया. उन्होंने आदेश कर दिया कि कांवड़ मार्ग में पड़ने वाली दुकानों, होटलों और ठेले पर मालिकों को अपने नाम लिखने होंगे. ताकि कांवड़ियों को पता चल सके कि वे जिस दुकान या ठेले पर जा रहे हैं वो हिंदू की दुकान है या मुस्लिम की. ये आदेश उन्होंने व्यवस्था कायम रखने के नाम पर किया. अंग्रेजों के बनाए कानून में एसएसपी को कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए बहुत सारे आदेश देने के अख्तियार दिए हुए हैं. लिहाजा उनके इस अधिकार को भी चुनौती नहीं दी जा सकती. ये भी नहीं कहा जा सकता कि उन्हें अपने आदेश पर देश-प्रदेश में होने वाली प्रतिक्रिया की पूरी जानकारी नहीं हो. आदेश देने वाले एसएसपी ने विदेश में पढ़ाई की. विदेश में नौकरी भी की. उसके बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर आईपीएस बने. लिहाजा उनकी दूरंदेशी पर सवाल उठाया नहीं जा सकता. आदेश पर उठे सवाल हां, ये सवाल जरूर उठ रहे थे कि अफसर को राजनीतिक प्रतिक्रिया पैदा करने वाले आदेश देने की जरूरत थी या नहीं थी. यहां तक कि बीजेपी के मुख़्तार अब्बास नकवी ने एसएसपी के आदेश की तीखी आलोचना की. इस दरम्यान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्यभर के लिए यही आदेश कर दिया. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नकवी ने कहा कि दरअसल, जिले के प्रशासनिक अधिकारी के आदेश से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी. सीएम के आदेश के बाद अब कोई कनफ्यूजन नहीं रह गया. दुकान पर नाम लिखने में किसी को क्या दिक्कत हो सकती है? ये भी सही है कि मुख्यमंत्री को ऐसा आदेश देने के लिए कोई और हवाला देने की जरूरत नहीं रह जाती है.. अलबत्ता बीजेपी के दूसरे नेता दलील दे रहे हैं कि इससे जिसे जहां खाना या कुछ खरीदना होगा उसे कोई शको-शुबहा नहीं होगा. विवाद भी नहीं होगा. पार्टी नेता दुष्यंत गौतम का कहना है दुकान पर नाम लिखने से किसी दुकानदार को कोई परेशानी नहीं है. जो कांवड़ सेवा करना चाहता है करे. अपनी दुकान पर सही नाम लिख ले. साथ ही वे दलील देते हैं – ‘खाने पीने की चीजों पर हलाल लिखने से किसी को दिक्कत नहीं होती, फिर सिर्फ नाम लिखने से क्यों?’ सोशल प्लेटफार्म और मीडिया पर बहस के दौरान उन वीडियो का भी जिक्र खूब किया जा रहा है, जिसमें खाने-पीने की चीजों में थूकना दिखाया गया है. हालांकि ये वीडियो कितने सही हैं, ये अभी साबित होना है. ये भी पढ़ें : अखिलेश का मॉनसून ऑफर, पहली बार मुनादी करके दल बदल कराने की कोशिश! कितना लोकतांत्रिक है, पढ़िए Opinion में बहरहाल, योगी सरकार के नक्‍शेकदम पर उत्‍तराखंड सरकार ने भी यही आदेश जारी कर दिया. सरकारी आदेश का पालन हो रहा है. मुजफ्फरनगर में कुछ दुकानों के नाम बदले हुए भी दिख रहे हैं. धर्म को प्रदर्शित न करने वाले जो ढाबे मुस्लिम समुदाय के लोग चला रहे थे, उनके नाम साफ-साफ दिखने लगे हैं. Tags: BJP, CM Pushkar Singh Dhami, CM Yogi Aditya NathFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 15:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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