इस तकनीक से कर ली केले की खेती तो समझ लो लाइफ सेट! सरकार भी देती है अनुदान
इस तकनीक से कर ली केले की खेती तो समझ लो लाइफ सेट! सरकार भी देती है अनुदान
Banana Farming: केले के उत्पादन में करीब डेढ़ वर्ष का टाइम लगता है. लेकिन, टिशू कल्चर तकनीक के जरिए इसके उत्पादन में केवल 1 ही वर्ष का समय लगता है. एक पौधे पर करीब 8 से 10 दर्जन केले आते हैं. इसकी खेती से किसान बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं.
बाराबंकी /संजय यादव: किसान केले की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, जिसके लिए सरकार बागवानी मिशन योजना के तहत बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. किसानों को इन फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योजना के तहत विभिन्न बागवानी फसलों की खेती पर अनुदान भी दिया जाता है. वहीं, राज्य सरकार किसानों को केले की खेती करने के लिए अनुदान दे रही है, जिसका लाभ लेने के लिए किसानों को जिला उद्यान कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
केले की फसल में किसानों को कम समय में ज्यादा मुनाफा मिलता है. अगर इसे टिशू कल्चर तकनीक से करेंगे तो इसमें रोग नहीं लगता है. केले के उत्पादन में करीब डेढ़ वर्ष का टाइम लगता है. लेकिन, टिशू कल्चर तकनीक के जरिए इसके उत्पादन में केवल 1 ही वर्ष का समय लगता है. एक पौधे पर करीब 8 से 10 दर्जन केले आते हैं. इसकी खेती से किसान बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं.
केले की फसल में मिलता है अनुदान
जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जुलाई से लेकर अगस्त तक केला रोपण का बढ़िया समय माना जाता है. इसके लिए उद्यान विभाग किसानों को केले की खेती करने के लिए प्रति हेक्टेयर लागत पर 40 प्रतिशत तक अनुदान दो वर्षों में दिया जाता है. पहले साल 30,738 रुपये. वहीं, दूसरे साल 10,246 अनुदान मिलता है. पहले साल वृक्षारोपण सामग्री पर, दूसरे साल उर्वरक जैविक रासायनिक पर दिया जाता है. इस साल 90 हेक्टेयर का लक्ष्य जनपद के लिए मिला है. इसके लिए चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसका पंजीयन ऑनलाइन भी हो रहा है. ‘प्रथम आओ प्रथम पाओ’ के आधार पर उनका चयन किया जाएगा. उन्हें समय से वृक्षारोपण का सत्यापन कराकर अनुदान की धनराशि उपलब्ध करा दी जाएगी.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Kisan, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 12:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed