इस मौसम में स्कूली बच्चों को संक्रमित कर रहीं कई बीमारियां स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी सलाह
इस मौसम में स्कूली बच्चों को संक्रमित कर रहीं कई बीमारियां स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी सलाह
डॉ. सतपाल कहते हैं कि सबसे बड़ी बात है कि इस मौसम में व्यस्क लोग अपना ध्यान रख पाते हैं लेकिन बच्चों का ध्यान रख पाना कठिन हो जाता है. न तो उनका खानपान ही सही रह पाता है और न ही वे बचाव के अन्य तरीकों को अपना पाते हैं. बच्चों को खेलने, बाहर जाने, स्कूल जाने, दोस्तों के पास जाने से रोकना संभव भी नहीं होता, ऐसे में अभिभावकों के साथ स्कूलों को खास चीजों का ध्यान रखना होगा.
नई दिल्ली. भारत इस समय कई बीमारियों से एक साथ जूझ रहा है. कोरोना के मामलों में इजाफा होने के साथ ही मानूसन का मौसम होने के कारण हर साल हाहाकार मचाने वाली मौसमी बीमारियों ने भी कब्जा जमा लिया है. इस बार फिर से डेंगू और मलेरिया के मामले आ रहे हैं. इन मरीजों में बच्चे भी शामिल हैं. इतना ही नहीं बच्चों में एक अलग किस्म की संक्रामक बीमारी भी देखने को मिल रही है जिसे टमेटो फीवर कहा जा रहा है. यही वजह है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्कूल जाने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों से विशेष रूप से सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं.
दिल्ली एमसीडी में पूर्व एडिशनल म्यूनिसिपल हेल्थ ऑफिसर और डेंगू, मलेरिया व कॉलेरा के नोडल अधिकारी रहे डॉ. सतपाल का कहना है कि यह मौसम वैसे तो किसी को भी बीमार कर सकता है लेकिन छोटे बच्चों और स्कूल जाने वाले बच्चों पर खास ध्यान देने की जरूरत है. पिछले सालों की तरह इस बार भी डेंगू और मलेरिया से पीड़ित बच्चे अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. वहीं हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज जिसे टमेटो वायरस कहा जा रहा है, यह भी बच्चों को संक्रमित कर रहा है. इसकी गंभीरता को लेकर अब जानकारी जुटाई जा रही है.
डॉ. कहते हैं कि सबसे बड़ी बात है कि इस मौसम में व्यस्क लोग अपना ध्यान रख पाते हैं लेकिन बच्चों का ध्यान रख पाना कठिन हो जाता है. न तो उनका खानपान ही सही रह पाता है और न ही वे बचाव के अन्य तरीकों को अपना पाते हैं. बच्चों को खेलने, बाहर जाने, स्कूल जाने, दोस्तों के पास जाने से रोकना संभव भी नहीं होता, ऐसे में अभिभावकों के साथ स्कूलों को खास चीजों का ध्यान रखना होगा.
स्कूल रखें इन चीजों का ध्यान
. सभी स्कूल बच्चों के लिए यूनिफॉर्म को लेकर एडवाइजरी जारी करें, जिसमें लड़कों और लड़कियों दोनों को ही पूरी आस्तीन की शर्ट और पैंट या स्कर्ट के साथ पायजामा पहनने के लिए कहें. ताकि बच्चों को मच्छर न काटने पाएं.
. सभी स्कूल के आसपास जमा पानी को साफ किया जाए. कहीं पर भी गंदा या साफ पानी जमा न होने दिया जाए. कूलरों का पानी साफ और सुखा दिया जाए. फूलदानों या गुलदस्तों में पानी को हर हफ्ते बदला जाए. एसी के जमा पानी को साफ किया जाए. स्कूलों के आसपास नालियां हैं तो उन्हें ढका जाए और साफ किया जाए. मच्छरों को भगाने के प्रबंध किए जाएं.
. बच्चे इस मौसम में क्या खा रहे हैं, इसका ध्यान स्कूल वाले रखें. इस मौसम के लिए वे पेरेंट्स के लिए एडवाइजरी जारी कर सकते हैं, ताकि कोई भी जंक फूड या फास्ट फूड लंच बॉक्स में न आए. बच्चे सादा खाना खाएं.
. बच्चों को हफ्ते में एक या दो बार साफ-सफाई, संक्रामक बीमारियों से बचाव के तरीकों को लेकर बात की जाए और उन्हें स्वस्थ और निरोग रहने के तरीके बताए जाएं.
. अगर कोई बच्चा बीमारी या संक्रमित है तो उसे तत्काल अन्य बच्चों से आइसोलेट करें और पेरेंट्स के पास भेजें. जब तक बच्चा ठीक न हो जाए स्कूल आने से रोकें. साथ ही छूटी हुई पढ़ाई को पूरा करवाएं.
पेंरट्स अपने घरों पर ऐसे रखें ध्यान
. डॉ. सतपाल कहते हैं कि बीमारियों से बचाव के लिए पेरेंट्स की जिम्मेदरी अहम हो जाती है. अभिभावकों को चाहिए के वे बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं. बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें. पोषणयुक्त आहार दें. विटामिन और मिनरल्स से भरपूर खान-पान दें लेकिन जंक फूड आदि से परहेज करें.
. घरों में पानी की निकासी की व्यवस्था सही करें. पानी जमा है तो साफ करें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.
. बच्चों को कुछ भी खाने से पहले साबुन से हाथ साफ करने की आदत डलवाएं.
. बच्चों को हल्के गीले कपड़े भी न पहनाएं.
. बच्चे को हल्का संक्रमण या बुखार, खांसी-जुकाम आदि होने पर स्कूल न भेजें. जब तक बच्चा ठीक न हो जाए उसे घर पर ही रखें.
. इस मौसम में मच्छरों का लार्वा तेजी से पनपता है लिहाजा पानी को 8 दिन से ज्यादा कहीं जमा न होने दें.
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Tags: Dengue, HealthFIRST PUBLISHED : August 21, 2022, 16:49 IST