यह मंदिर छोटी काशी के नाम से है मशहूर दर्शन करने हरिद्वार से पहुंचते हैं भक्त
यह मंदिर छोटी काशी के नाम से है मशहूर दर्शन करने हरिद्वार से पहुंचते हैं भक्त
Sawan 2024: लखीमपुरी खीरी में भी छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव की नगरी गोला गोकर्णनाथ है. यहां सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं.
लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में छोटी काशी के नाम से गोला गोकर्णनाथ मंदिर प्रसिद्ध है. सावन माह में गोला गोकर्णनाथ मंदिर आकर भगवान शिव का दर्शन जरूर करें. कहा जाता है कि यहां सावन में मन्नत मांगने पर श्रद्धालुओं की मनोकामना अवश्य पूरी होती है.
सावन माह में लगती है श्रद्धालुओं की भीड़
यूपी के लखीमपुरी खीरी जिले की गोला तहसील में भी छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव की नगरी गोला गोकर्णनाथ है. जहां पर सावन माह में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. सावन का पवित्र माह आ रहा है और इस समय भक्त भगवान शिव के दर्शन करने लिए शिव नगरी जाते हैं.
भक्तों के कल्याण के लिए होती है पूजा
यहां कोई कांवड़ यात्रा में शामिल होकर तो कोई अन्य माध्यमों से भोलेनाथ का आर्शीवाद लेने के लिए उनकी शरण में पहुंचता है. जहां पर दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. गोला के गोकर्णनाथ के बारे में कहा जाता है कि सतयुग में लंका का राजा रावण भगवान शिव को यहां लाया था. यहां शिव का जलाभिषेक, कांवर यात्रा एवं सावन में शिव की पूजा भक्तों के कल्याण के लिए होती है.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए निकलती है यात्रा
देवाधिदेव महादेव को प्रसन्न कर मनोवांछित फल प्राप्त करने के अनेक उपायों में कांवड़ यात्रा तो भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक सहज मार्ग है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सावन माह में भगवान शंकर ने विष पान किया था, विष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए भक्त शिवजी पर शीतल जलधारा अर्पण करते हैं.
जानें कांवड़ यात्रा की प्रथा
पुराणों के अनुसार शिव का जलाभिषेक करने की शुरूआत समुद्र मंथन के समय हुई थी. मंथन से निकले विष को पीने की वजह से भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया. इस विष के प्रभाव को दूर करने के लिए देवताओं ने शिव जी का जलाभिषेक किया, ताकि विष की अग्नि से शिव को शीतलता मिले. पौराणिक-लौकिक आख्यानों से यह पता चलता है कि कांवड़ चलाने की प्रथा अत्यंत प्राचीन है.
Tags: Lakhimpur Kheri, Lakhimpur Kheri News, Local18FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 11:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed