नेपाली नदियों का कहर! दुधवा के जंगल में भरा बाढ़ का पानी
नेपाली नदियों का कहर! दुधवा के जंगल में भरा बाढ़ का पानी
पहाड़ों पर हो रही लगातार भारी बारिश के बीच अब दुधवा नेशनल पार्क में रहने वाले बेजुबान जानवरों के लिए भी खतरा बढ़ गया है, दुधवा नेशनल पार्क में अचानक पहुंच बाढ़ का पानी जिसकी चलती दुधवा नेशनल पार्क में रहने वाले बेजुबान जानवर अब उच्च स्थान पर पहुंचेरहे हैं, वहीं दूसरी और स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बढ़ती जा रही है,
लखीमपुर खीरी. पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते नेपाल की नदियों ने लखीमपुर खीरी में कहर बरपा रखा हैं. हालत यह है कि बाढ़ का पानी हाईवे तक पहुंच गया. लखीमपुर-पीलीभीत हाईवे पर नदी की तरह बहाव को देखते हुए प्रशासन ने आवागमन बंद कर दिया. अचानक हाईवे बंद होने से गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई है. अभी तक तो आम जनमानस ही बाढ़ का कहर झेल रहा था लेकिन भारत-नेपाल की सीमा से सटे दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों में भी जल प्रलय नजर आने लगा है.
नेपाल की शारदा, सुहेली और मोहाना नदियों के उफनाने से दुधवा के अधिकांश हिस्से में जलभराव हो गया है. पानी इतना ज्यादा है कि वन्यजीवों को जान बचाने के लिए जंगल के बाहर भागना पड़ रहा है. जंगल के अंदर खाने का संकट हो गया है. दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन अलर्ट हो गया है और जंगल क्षेत्र में नावों के जरिये पेट्रोलिंग शुरू करा दी है.
जंगल में भरा पानी
लगातार हो रही बारिश और नदियों का कहर वन्यजीवों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. बाढ़ के कारण जलभराव होने से गश्त करने में भी दिक्कतें हो रही हैं. जहां शाकाहारी वन्यजीवों के लिए चारे की समस्या पैदा हो गई है वहीं बाघ और तेंदुओं को भी भोजन तलाशना मुश्किल पड़ रहा है. शारदा, सुहेली और मोहाना नदियों का जलस्तर बढ़ने से समूचे जंगल में पानी भर गया है
चुनौतीपूर्ण हालात में लगातार गश्त जारी
दुधवा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर ललित कुमार वर्मा ने भी पार्क के जंगलों में घुसे बाढ़ के पानी पर चिन्ता जताई है. ललित कुमार वर्मा ने कहा कि दुधवा जंगल के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी भर जाने से वन्यजीव जंगल के ही अंदर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं. वन और वन्यजीवों की सुरक्षा के खतरे को भांपते हुए वन कर्मी चुनौतीपूर्ण हालात में भी लगातार गश्त कर रहे हैं. वन कर्मी ऊंचे स्थानों पर पैदल, बाइक, साइकिल, ट्रैक्टर और हाथियों से गश्त कर रहे हैं तो जलभराव वाले जंगल में वन कर्मियों को नाव से गश्त करनी पड़ रही है. टाइगर रिजर्व प्रशासन ने लकड़ी की नाव के साथ-साथ मोटरबोट की व्यवस्था की है.
Tags: Lakhimpur News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 13:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed