लद्दाख ने अपने कोटे से पढ़ने वाले डॉक्टरों के लिए 5 साल की सेवा अनिवार्य की नहीं तो देना होगा 50 लाख रुपये जुर्माना
लद्दाख ने अपने कोटे से पढ़ने वाले डॉक्टरों के लिए 5 साल की सेवा अनिवार्य की नहीं तो देना होगा 50 लाख रुपये जुर्माना
लद्दाख में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर में एमबीबीएस/पीजी डिग्री, डीएनबी/पीजी डिप्लोमा और क्लिनिकल और नॉन-क्लिनिकल कोर्स में कुछ सीटें आवंटित की हैं.
नई दिल्ली. डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे लद्दाख में प्रशासन ने अपनी सरकारी सेवा नीति में बड़ा संशोधन किया है. इसके तहत जो भी छात्र जम्मू-कश्मीर और देश के किसी भी राज्य के यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करते हैं तो उन्हें लद्दाख में अपनी सेवा देनी होगी. पांच साल का एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद कम से कम पांच साल तक लद्दाख में चिकित्सक के तौर पर सेवा देनी होगी. ये आदेश उन छात्रों के लिए हैं, जो केंद्र और जम्मू-कश्मीर पूल सीटों का लाभ उठाते हैं व लद्दाख-विशिष्ट मेरिट सूची के आधार पर एडमिशन लेते हैं. लद्दाख के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा पिछले सप्ताह जारी एक आदेश के अनुसार, जो छात्र डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद लद्दाख में सेवा नहीं देंगे, वह 50 लाख रुपये का जुर्माना देने के लिए जिम्मेदार होंगे. लद्दाख में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर में एमबीबीएस/पीजी डिग्री, डीएनबी/पीजी डिप्लोमा और क्लिनिकल और नॉन-क्लिनिकल कोर्स में कुछ सीटें आवंटित की हैं.
इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हर साल केंद्रीय पूल से 6 से 7 एमबीबीएस सीटें भी आवंटित की जाती हैं. डॉक्टरों की कमी को बताते हुए, इंडियन एक्स्प्रेस को प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, डॉ पवन कोतवाल ने कहा कि वर्तमान में, लद्दाख में चिकित्सा अधिकारियों के 44 प्रतिशत पद खाली हैं, और 175 स्वीकृत चिकित्सा अधिकारियों में से 100 से कम केंद्र शासित राज् में कार्यरत हैं. इस कमी को दूर करने के लिए, चल रहे शैक्षणिक सत्र से, लद्दाख के लिए एमबीबीएस सीटों के सेंट्रल पूल या जम्मू-कश्मीर पूल का लाभ उठाने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को लद्दाख प्रशासन के पक्ष में एक अनिवार्य सेवा बांड निष्पादित करना होगा कि वह केंद्र शासित प्रदेश में काम करेगा.
आदेश में कहा गया है कि कम से कम पांच साल के लिए, ऐसा नहीं करने पर उसे 50 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. मूल बांड निदेशक, स्वास्थ्य सेवा, लद्दाख को जमा किया जाएगा. पीजी कोर्स के मामले में, अनिवार्य सेवा अवधि तीन साल तय की गई है. हालांकि, बांड में तय किये गए निर्धारित अवधि की सेवा में विफल रहने की स्थिति में, उम्मीदवार को आदेश के अनुसार, लद्दाख प्रशासन को 50 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. एमबीबीबीएस या पीजी के अलावा किसी अन्य मेडिकल कोर्स के पूरा करने पर, उम्मीदवार को कम से कम दो साल के लिए केंद्र शासित प्रदेश में सेवा करनी होगी, और यदि वह ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसे प्रशासन को 45 लाख रुपये का भुगतान करना होगा.
कोतवाल ने कहा कि यह अनिवार्य सरकारी सेवा बांड केवल उन उम्मीदवारों द्वारा निष्पादित किया जाना है जो केंद्र और जम्मू-कश्मीर पूल सीटों का लाभ उठाते हैं, व जो लद्दाख-विशिष्ट मेरिट सूची के आधार पर भरे जाते हैं, न कि वे छात्र जिन्हें अखिल भारतीय या जम्मू-कश्मीर मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में प्रवेश मिलता है.
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Tags: Ladakh, Ladakh NewsFIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 07:19 IST