₹250000000 करोड़ का टारगेट ₹250 करोड़ रिश्वतCBI को ED के अफसर की तलाश!

Shimla ED Office CBI Raid: देशभर में ईडी के दफ्तर पर सीबीआई की रेड का यह पहला ही मामला है. इस मामले में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है. लेकिन डिप्टी डायरेक्टर फरार है.

₹250000000 करोड़ का टारगेट ₹250 करोड़ रिश्वतCBI को ED के अफसर की तलाश!
शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला के प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पर सीबीआई की टीम की रेड इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां पर ईडी दफ्तर के डिप्टी डायरेक्ट फरार चल रहा है, जबकि उसके भाई सहित एक अन्य आरोपी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया गया है. 25 करोड़ रुपये की उगाही का यह मामला है, जिसमें ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई है. मामला हिमाचल प्रदेश में 180 करोड़ से ज्यादा के बहुचर्चित छात्रवृति घोटाले से जुड़ा है. यहां पर इस  स्कॉलरशिप स्कैम में फंसे निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने ईडी के सहायक निदेशक पर बड़े गंभीर आरोप लगाए हैं. निजी शिक्षण संस्थान सोमवार दोपहर शिमला में मीडिया के सामने आए और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि ईडी के सहायक निदेशक विशालदीप ने गिरफ्तार ना करने की एवज में 29 निजी शिक्षण संस्थानों से 25 करोड़ रुपये की मांग की थी. हिमालयन ग्रूप ऑफ इंस्टिट्यूशयन के चेयरमैन रजनीश बंसल, देवभूमि ग्रूप ऑफ इन्सटिट्यूशन के चेयरमैन भूपिंदर शर्मा, आईसीएल ग्रूप ऑफ इंस्ट्टियूशन के चेयरमैन संजीव प्रभाकर और दिव्यज्योति ग्रूप ऑफ इंस्टिट्यूशन के चेयरमैन डी.जे. सिंह ने ये आरोप लगाए. इन सबने आरोप लगाए कि उगाही के साथ साथ दुर्व्यवहार और टॉर्चर के भी आरोप लगाए. हालांकि, इस मामले में फरार चल रहे विशालदीप का पक्ष अभी तक सामने नहीं आया है. दरअसल हिमाचल में वर्ष 2019 में छात्रवृति घोटाले से जुड़े पैसों के लेन-देन संबंधी मामले की जांच ईडी भी कर रही है. ईडी के शिमला कार्यालय में तैनात सहायक निदेशक के खिलाफ सीबीआई को इन्हीं संस्थानों के प्रमुखों ने शिकायत दी थी, अब ये शिकायतकर्ता मीडिया के सामने आए हैं. संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्होंने आरोप लगाया कि कि ईडी के शिमला कार्यालय में तैनात सहायक निदेशक विशालदीप ने सभी शिक्षण संस्थानों के मालिकों से 25 करोड़ की मांग रखी थी, जब  उन्होंने इसे देने में असमर्थता जताई तो उसने सभी को  अलग-अलग बुलाकर टार्चर करना शुरू किया और सभी से एक-एक करोड़ की मांग रखी और इंकार करने पर कई तरह की धमकियां भी दी. इन्होंने आरोप लगाया कि हमारे संस्थानों पर छात्रवृत्ति घोटाले के झूठे आरोप लगाए गए हैं, जबकि घोटाला है नहीं और इसमें केवल अनियमित्तताएं हैं. सीबीआई से मांगी मदद ईडी के इस आरोपी अधिकारी के कथित बढ़ते दबाव के चलते इन सब संचालकों ने चंडीगढ़ स्थित सीबीआई कार्यालय से मदद मांगी. सीबीआई डीआईजी अश्विन शेनवी ने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम का गठन किया और 22 दिसंबर, 2024 को एयरपोर्ट रोड, जिरकपुर और पंचकूला स्थित पारस अस्पताल में दो महत्वपूर्ण स्थानों पर एक स्टिंग ऑपरेशन किया. इस दौरान आरोपी ₹55 लाख की जबरन वसूली की रकम लेते हुए पकड़े गए, लेकिन कुछ आरोपी भागने में सफल रहे, इनमें सहायक निदेशक भी शामिल है. इन्होंने बताया कि सीबीआई ने जांच जारी रखी. जानकारी के अनुसार, विशालदीप के बड़े भाई विकासदीप को हरियाणा के जींद से गिरफ्तार किया गया और कुछ रकम भी जब्त की और लेनदेन में इस्तेमाल किया गया वाहन भी जब्त किया गया, नीरज गर्ग को 28 दिसंबर, 2024 को गिरफ्तार किया गया है. विकासदीप पंजाब नेशनल बैंक में दिल्ली में मैनेजर के पद पर कार्यरत है. फिलहाल, शिमला में ईडी के दफ्तर के सारे स्टाफ को भी ट्रांसफर कर दिया गया है. न्याय में विश्वाश लौटाः शिकायतकर्ता रजनीश बंसल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सीबीआई के डीआईजी अश्विन शेनवी और उनकी टीम की त्वरित कार्रवाई के लिए बेहद आभारी हैं, सीबीआई ने हमारा सहयोग किया और उनकी कोशिशों से हमें न्याय की उम्मीद बंधी है. इन संचालकों ने कहा कि जबरन वसूली के प्रयासों ने उन पर भारी आर्थिक और मानसिक प्रभाव डाला गया, जिसके चलते कुछ लोग इतनी निराशा में चले गए कि उन्होंने आत्महत्या जैसे कदम उठाने का विचार किया. उन्होंने कहा कि सीबीआई की कार्रवाई के बाद न्याय में विश्वास लौटा है, इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और मुख्य आरोपी अधिकारी को जल्द गिरफ्तार किया जाए, सख्त से सख्त सजा दी जाएं ताकि किसी के भी साथ ऐसा न हो. गौरतलब है कि सीबीआई  की टीम को प्रवर्तन निदेशालय के शिमला कार्यालय में तैनात सहायक निदेशक के खिलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत मिली थी, जिसके बाद सीबीआई की टीम ने उसके कार्यालय और अन्य ठिकानों पर दबिश दी. इस मामले में सीबीआई ने विकासदीप, जो ईडी के आरोपी अधिकारी का भाई है और एक अन्य व्यक्ति नीरज जो ईडी कार्यालय में ही तैनात कर्मचारी को गिरफ्तार किया है,  लेकिन मुख्य आरोपी अधिकारी बीते एक हफ्ते से फरार है. ये बताते चलें कि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है और तबादले के आदेश दिए हैं. हालांकि, निलंबन आदेश अभी लंबित हैं. शिकायकर्ताओं ने कहा-स्कॉलरशिप में स्कैम नहीं हुआ हालांकि इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निजी शिक्षण संस्थान संचालक छात्रवृति में घोटाला नहीं होने की बात कह रहे हैं, जबकि इनके खिलाफ जांच जारी है, कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है और मामला अदालत में विचाराधीन भी है लेकिन फिर भी इनकी तरफ से दावा किया गया कि कोई स्कैम नहीं हुआ है. इस पूरे मामले में अब तक न ही ईडी और न ही ईडी के आरोपी अधिकारी का कोई पक्ष सामने आया है और न ही कोई ट्वीट आया है. Tags: Bribe news, CBI Raid, Directorate of Enforcement, Enforcement directorate, Shimla News TodayFIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 10:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed