शिमला से लेकर लाहौल तक पढ़ाई RSS से नाताकौन थे पंडित जगन्नाथ शर्मा

Himachal RSS: हिमाचल प्रदेश में आरएसएस के लिए दुखद खबर है. प्रदेश के पहले प्रांत संचालक पंडित जगन्नाथ शर्मा का बिलासपुर में निधन हो गया. बाद में उनका शरीर एम्स को दान कर दिया गया.

शिमला से लेकर लाहौल तक पढ़ाई RSS से नाताकौन थे पंडित जगन्नाथ शर्मा
बिलासपुर. हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत के प्रथम संचालक पंडित जगन्नाथ शर्मा का निधन हो गया. वह 97वे साल के थे. सारी उम्र उन्होंने समाज सेवा में गुजार दी और अब मौत के बाद भी उनका शरीर समाज के काम आएगा. पंडित जगन्नाथ शर्मा के परिजनों ने उनकी देह को बिलासपुर के एम्स अस्पताल को दान कर दिया. उन्होंने खुद इसकी इच्छा जताई थी. जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में संघ के प्रचार और प्रसार में पंडित जगन्नाथ शर्मा की अहम भूमिका रही और विभिन्न स्थानों पर सेवारत रहे हैं. बुधवार को उनके निधन के बाद परिवार के लोगों ने एम्स प्रबंधन को उनका शरीर सौंप दिया. दरअसल, पंडित जगन्नाथ  शर्मा का जन्म 27 जून 1927 को जि़ला बिलासपुर के अमरपुर गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित जय राम और माता का नाम बिन्द्रावती था. वह अपने माता पिता की इकलौती सन्तान थे और 23 वर्ष की आयु में विवाह हो गया था. पंडित जगन्नाथ शर्मा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सर बटलर हाई स्कूल शिमला में से की थी. अब यह स्कूल केन्द्रीय विद्यालय के रूप में संचालित किया जा रहा है. इसके बाद, साल 1944 में उन्होंने जॉर्ज विजय हाई स्कूल बिलासपुर से मैट्रिक की पढ़ाई की. साल 1946 में डीएवी कॉलेज लाहौर से फैकल्टी ऑफ़ साइंस की परीक्षा पास की. साथ ही फोर्मन कॉलेज लाहौर में भी अध्ययन किया. साल 1941 में पंडित जगन्नाथ  शर्मा आरएसएस के संपर्क में आए और यहीं से उनका आरएसएस के साथ सफर शुरू हुआ. उन्हें कुल्लू के भुंतर में संघ की शाखा में तैनाती मिली. उन दिनों रामजी कुल्लू के प्रचारक थे और वह कुल्लू के गांव निरमंड से ताल्लुक रखते थे. लाहौल से भी की थी पढ़ाई पंडित जगन्नाथ शर्मा भारत विभाजन के प्रत्यक्ष गवाह रहे और उन दिनों लाहौर में ही पढ़ते थे. संघ की ओर से गठित पंजाब रिलीफ कमेटी में स्वयंसेवकों के साथ मिलकर कार्य किया. यह कमेटी संघ प्रचारक हकुमत राय की देखरेख में काम करती थी और विभाजन के दौरान हिन्दुओं को सकुशल भारत भेजने के लिए एक सप्ताह तक काम किया. वह 1958 में गुरदासपुर जि़ला के संघचालक बने थे. 1960 में अमृतसर विभाग के संघचालक का दायित्व ग्रहण किया औक संघ में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए हिमगिरी प्रान्त के संघचालक भी रहे. इसके बाद वर्ष 2000 में  हिमाचल प्रान्त के प्रथम संचालक बने और वर्ष 2008 तक यहां रहे. 10 जुलाई 2023 को इन्होंने एम्स बिलासपुर में जाकर देहदान की इच्छा जताई थी और लिखित में कहा था. अब उनके निधन के बाद पार्थिव शरीर को दान कर दिया गया है. Tags: Himachal pradesh, RSS path sanchalanFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 13:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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