वो 35 मिनट जिसमें दफ्न डॉक्टर की हत्या का राज उस रात का कौन सा सच जानता संजय
वो 35 मिनट जिसमें दफ्न डॉक्टर की हत्या का राज उस रात का कौन सा सच जानता संजय
Kolkata Doctor Murder case: कोलकाता के आरजी कर मर्डर केस में सीबीआई सवालों के चक्रव्यूह में फंस चुकी है. सीबीआई के सामने इतने सवाल हैं, जिसके जवाब मिले नहीं मिल रहे हैं.
नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर से रेप-मर्डर की मिस्ट्री अब भी अबूझ पहेली बनी हुई है. डॉक्टर बिटिया के साथ उस रात क्या-क्या हुआ, क्या संजय रॉय ने अकेले हत्या की है या कोई और भी था? सीबीआई के पास अब भी इन सवालों के जवाब नहीं है. उस रात के 35 मिनट कुछ ऐसे राज छिपे हैं, जिसे सीबीआई पिछले 10 दिनों में भी न जान पाई है. सीबीआई के पास न तो बॉडी है और न प्राइमरी एविडेंस. सीबीआई के सामने सवालों की लंबी लिस्ट है.
क्या वाकई कातिल संजय रॉय है या कोई और? क्या कत्ल एक से ज्यादा लोगो ने मिलकर किया है या कत्ल सजंय रॉय ने किया और सबूत किसी और ने मिटाए? आखिर सच क्या है, इससे अब भी सीबीआई अनजान है. आखिर क्या राज है, जो पर्दा में है? क्या कोलकाता पुलिस की थ्योरी सीबीआई के गले नहीं उतर रही है? आखिर 8-9 अगस्त का क्या सच जानते हैं संदीप घोष या कोई सच छुपा रहे हैं? पीड़िता को आखिरी बार जिंदा देखने वाले वो चारों डॉक्टरों के पॉलीग्राफ टेस्ट से सीबीआई को क्या हासिल हो सकता है? सीबीआई संभल-संभलकर इस केस में आगे बढ़ रही है और इन सभी सवालों के जवाब तलाशने में जुटी है.
अब समझते हैं कि आखिर सीबीआई के सामने चुनौती क्या है, जिसके चलते उसे एक दो नहीं, बल्कि 6-6 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की जरूरत पड़ी है. सीबीआई के सामने चुनौतियों का पहाड़ है. सीबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि सीबीआई उन्हीं सबूतों पर जांच करने के लिए मजबूर है जो कलकत्ता पुलिस से सीबीआई को मिले हैं. मसलन–
1. कलकत्ता पुलिस द्वारा लिया गया पीड़िता का डीएनए सैंपल.
2. सीबीआई की केस में एंट्री से पहले ही पीड़िता की बॉडी का पोस्टमॉर्टम हुआ और बाद में अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. इस वजह से अब दोबारा सेंपल नहीं लिया जा सकता.
3. सीबीआई के पास न बॉडी है, न ही स्पॉट पर मौजूद पूरे साक्ष्य.
4. मौका-ए-वारदात पर एक से ज्यादा लोगों के फुटप्रिंट्स, जो जांच में अड़चन पैदा कर रहे हैं.
5. सेमिनार हॉल में इस कदर क्राइम सीन से छेड़खानी हुई है, जिस वजह से जब तक सीबीआई के पास जांच आई, तब तक स्पॉट यानी क्राइम सीन पर इतने लोगों का आना जाना हुआ कि साक्ष्य में घालमेल हो गया. इसकी वजह से वहां एक से अधिक फुटप्रिंट्स मौजूद मिले. इसलिए टेक्निकल सबूत जुटाने में भी सीबीआई को दिक्कतें आ रही हैं.
संदीप घोष पर भी है शक
इतना ही नहीं, आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कंडक्ट को लेकर भी सीबीआई कन्फ्यूज है. संदीप घोष से पिछले कई 7 दिनों में 88 घंटे से ज्यादा वक्त तक सीबीआई ने पूछताछ की है. वह बार-बार एक ही बात कह रहे हैं कि जैसे ही उन्हें पता लगा कि हत्या हुई है, उन्होंने लीगल प्रोसिडिंग की. हालांकि, अस्पताल के एक सीनियर सदस्य से परिवार वालों को गलत जानकारी दी गई कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है. फिर कहा कि उनकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है.
एफआईआर में भी देरी
इस मामले में एफआईआर में भी देरी हुई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में भी बवाल मचा था. अस्पताल के सेमिनार हॉल का जल्दबाजी में स्पॉट के बगल में रेनोवेशन करवाया गया, जिस वजह से सबूत नष्ट हुए. सीबीआई के पास ज्यादातर वही सेंपल है, वो कलकत्ता पुलिस द्वारा कलेक्ट करे हुए ही हैं. सीएफएसएल ने कुछ और सबूत 3 डीमैपिंग के जरिए कलेक्ट किए हैं, पर वो वारदात के इतने दिनों बाद कलेक्ट किए गए हैं, इस वजह से भी वो सब पर्याप्त नहीं हैं.
पॉलीग्राफ टेस्ट की जरूरत क्यों
इसी वजह से अब सीबीआई को संजय रॉय, संदीप घोष और 4 ट्रेनी डॉक्टर्स का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की जरूरत पड़ी ताकि सीबीआई यह जान सके कि जो स्टेटमेंट इन सभी के रिकार्ड किए गए हैं, क्या वो वाकई ठीक हैं या जानबूझकर किसी को बचाने के लिए पहले से तैयार ऐसे जवाब दिए जा रहे हैं? इन पॉलीग्राफी टेस्ट से सीबीआई अभी तक स्पॉट की स्थिति को कन्फर्म कर लेना चाहती है. हालांकि, पॉलीग्राफी टेस्ट के कोई मायने कोर्ट में नहीं होते हैं, लेकिन इससे सीबीआई को जांच में काफी मदद मिलेगी.
सीबीआई की दलील:- इस केस को लेकर जो सीबीआई ने दावा किया कि स्टेट पुलिस जी वजह से क्राइम सीन को पूरी तरह खराब कर दिया गया. इसलिए उनको क्राइम सीन से ज्यादा एविडेंस नहीं मिल पाए. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इस बात को लेकर दावा किया कि कोलकत्ता पुलिस ने क्राइम सीन को सुरक्षित नहीं रखा. अब बड़ा सवाल ये है कि सीबीआई ने जिस क्राइम सीन की सीएफएसएल के एक्सपर्ट के जरिए जांच करवाई, क्या वो सीएफएसएल के एक्सपर्ट छुपे हुए सबूत नहीं तलाश कर पा रहे हैं? आखिर उन 35 मिनट में क्या हुआ, इस सवाल का जवाब सीबीआई कब तक ढूंढ पाएगी.
क्या है पूरा केस
गौरतलब है कि 9 अगस्त की सुबह आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में लेडी डॉक्टर का शव मिला था. 8 अगस्त की रात को लेडी डॉक्टर ड्यूट पर थी. उसके साथ पहले दरिंदगी की गई और फिर उसकी हत्या. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि की गई. इस हत्या को लेकर देशभर में गुस्सा दिखा. सड़क से संसद तक इसकी गूंज सुनाई दी. देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर गए. इसका मुख्य आरोपी संजय रॉय अभी सीबीआई की कस्टडी में है.
Tags: Kolkata News, Kolkata Police, West bengalFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 14:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed