केरल के नेता ने दी सीख कहा-क्लासरूम में लड़के-लड़कियों का एक साथ बैठना भारतीय संस्कृति के खिलाफ
केरल के नेता ने दी सीख कहा-क्लासरूम में लड़के-लड़कियों का एक साथ बैठना भारतीय संस्कृति के खिलाफ
girls and boys sitting together in classroom: केरल में एक बड़े हिन्दू समुदाय के नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में लड़के और लड़कियों का एक साथ बैठना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि हम अमेरिका या इंग्लैंड में नहीं रह रहे हैं. नतेसन ने कहा कि 18 साल से कम उम्र के या कॉलेजों में जो युवा छात्र-छात्राएं हैं उन्हें साथ नहीं बैठना चाहिए या एक दूसरे को गले नहीं लगाना चाहिए क्योंकि वे अब भी पढ़ रहे हैं. नतेसन ने कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और परिपक्व हो जाते हैं, तो वे जो चाहें कर सकते हैं.
हाइलाइट्सश्री नारायण धर्म परिपालन योगम के नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने कहा हम अमेरिका, इग्लैंड में नहीं रह रहे हैंवेल्लापल्ली नतेसन ने कहा 18 साल तक लड़के-लड़कियों को गले नहीं मिलना चाहिएवेल्लापल्ली नतेसन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बेहद करीबी माने जाते हैं
कोच्चि (केरल). केरल में मजबूत माने जाने वाले हिंदू एझावा समुदाय के नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि स्कूल या कॉलेजों में लड़के-लड़कियों का एक साथ क्लासरूम में बैठना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. नतेसन ने कहा कि यह हमारी संस्कृति में नहीं है, इससे अराजकता पैदा होती है. केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) नीत सरकार द्वारा स्कूलों में जेंडर न्यूट्रल नीति अपनाए जाने पर वेल्लापल्ली नतेसन मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. नतेसन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बेहद करीबी माने जाते हैं. इसके बावजूद उन्होंने केरल सरकार की आलोचना की.
नतेसन ने कहा, ‘‘हम श्री नारायण धर्म परिपालन योगम (एसएनडीपी), कक्षाओं में लड़कियों और लड़कों के एक साथ बैठने के पक्ष में नहीं हैं. हमारी अपनी संस्कृति है. हम अमेरिका या इंग्लैंड में नहीं रह रहे हैं. एसएनडीपी महासचिव ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति लड़कों और लड़कियों द्वारा एक दूसरे को गले लगाने और साथ बैठने को स्वीकार नहीं करती है. आप ईसाई और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में ऐसा होते नहीं देखते हैं.’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) और एसएनडीपी द्वारा प्रबंधित शिक्षण संस्थानों में ऐसी चीजें हो रही हैं. एनएसएस और एसएनडीपी राज्य में दो प्रमुख हिंदू जाति संगठन हैं.
नतेसन ने कहा कि इस तरह का व्यवहार अराजकता पैदा करता है और आप इसे हिंदू संगठनों द्वारा प्रबंधित कॉलेजों में देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह एक कारण है कि ऐसे संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से अच्छे ग्रेड या वित्त पोषण नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र के या कॉलेजों में जो युवा छात्र-छात्राएं हैं उन्हें साथ नहीं बैठना चाहिए या एक दूसरे को गले नहीं लगाना चाहिए क्योंकि वे अब भी पढ़ रहे हैं. नतेसन ने कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और परिपक्व हो जाते हैं, तो वे जो चाहें कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों का एक साथ बैठना और एक-दूसरे को गले लगाना भारत में ठीक नहीं है.
नतेसन ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलडीएफ सरकार खुद को एक धर्मनिरपेक्ष सरकार कहने के बावजूद धार्मिक दबाव के आगे झुक रही है और अपने कुछ फैसलों पर देर तक टिकती नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जाता है. वह हाल में राज्य सरकार द्वारा की गई उस घोषणा का जिक्र कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि सरकार यह तय नहीं करने जा रही है कि बच्चों को कौन सा यूनिफॉर्म पहनना चाहिए या उन्हें मिश्रित स्कूलों में जाना चाहिए या नहीं. राज्य सरकार को उसकी लिंग तटस्थ शिक्षा नीति को लेकर विभिन्न मुस्लिम संगठनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
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Tags: Kerala NewsFIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 15:00 IST