मोदी से लेकर योगी तक गए इस शहर फिर भी नहीं साफ हो सकी गंगा लोगों को है दुख
मोदी से लेकर योगी तक गए इस शहर फिर भी नहीं साफ हो सकी गंगा लोगों को है दुख
Ganga River Pollution: गंगा को जहरीला बनाने वाले कानपुर में प्रमुख 6 नालों में परमिया नाला, रानी घाट नाला, सत्तीचौरा नाला, बड़ा नाला, डबका नाला और सीसामऊ शामिल हैं. सीसा मऊ नाला एशिया का सबसे बड़ा नाला था और यह भी गंगा में गिर रहा है.
अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: देशभर में गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा कई खास प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे. इनमें नमामि गंगे सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था. इसके तहत गंगा को साफ करना और उसको निर्मल बनाने का लक्ष्य रखा गया था. कानपुर में भी गंगा को साफ करने के लिए काफी प्रयास किए गए. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई मंत्री गंगा को स्वच्छ करने के दावों को लेकर कानपुर पहुंच चुके हैं. इसके बाद भी गंगा को लेकर हकीकत कुछ और ही है. गंगा का जल लगातार प्रदूषित हो रहा है.
गंगा के लगातार प्रदूषित होने पीछे की मुख्य वजह है गंगा में गिरने वाले नाले. इन नालों से रोजाना करोड़ों लीटर दूषित पानी सीधे गंगा में गिर रहा है. कानपुर के 6 प्रमुख नालों का पानी सीधे गंगा में गिरता है जिससे, लगातार गंगा का जल प्रदूषित हो रहा है.
इन नालों का पानी गिर रहा गंगा में
गंगा को जहरीला बनाने वाले कानपुर में प्रमुख 6 नालों में परमिया नाला, रानी घाट नाला, सत्तीचौरा नाला, बड़ा नाला, डबका नाला और सीसामऊ शामिल हैं. सीसा मऊ नाला एशिया का सबसे बड़ा नाला था और यह भी गंगा में गिर रहा है.
कानपुर में जरूरत है चंडीगढ़ प्लान की
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि कानपुर में नालों का गंगा में गिरना बेहद खराब है. बारिश में जब गंगा का जलस्तर बढ़ेगा तो मुसीबतें और बढ़ेगी. गंदा पानी पूरे शहर में भर जाएगा और वह भी सीधे गंगा में पहुंचेगा. कानपुर में चंडीगढ़ की तर्ज पर स्ट्रोम वायर नेटवर्क प्लान बनाने की जरूरत है. कानपुर एक स्मार्ट सिटी है और वहां पर ऐसे प्लान होना बेहद जरूरी है. ऐसा न होने पर गंगा को साफ करना बेहद मुश्किल है.
वहीं नमामि गंगे के 10 साल पूरे होने पर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने भी देश के दिग्गजों के साथ मिलकर गंगा की स्वच्छता पर मंथन किया था. तब यह बात सामने आई थी कि 10 साल पूरे हो जाने के बाद भी गंगा साफ नहीं हो सकी है जिस पर आईआईटी कानपुर के सी गंगा के संस्थापक व वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद तारे ने कहा था कि गंगा में अविरलता और निर्मलता बनाए रखने के लिए हमें बहुत अधिक काम करने की जरूरत है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 21:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed