शालिनी मोहन कैसे बनीं फेमस आई स्पेशलिस्ट लाखों लोगों की लौटा चुकी हैं रोशनी

डॉक्टर शालिनी मोहन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश की जौनपुर की रहने वाली हैं. पिता समेत परिवार में कई लोग डॉक्टर हैं. इसे देखते हुए उनका भी मन डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने का हुआ. इसके बाद उन्होंने अपनी 12वीं तक की शिक्षा जौनपुर में की फिर मेडिकल के लिए प्रयागराज पहुंची. उन्होंने अपनी एमएस की डिग्री कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज से ली.

शालिनी मोहन कैसे बनीं फेमस आई स्पेशलिस्ट लाखों लोगों की लौटा चुकी हैं रोशनी
अखंड प्रताप सिंह, कानपुर: जब भी नेत्र संबंधित रोगों की बात आती है तो, कानपुर का नाम जरूर लिया जाता है. क्योंकि यहां के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में नेत्र विभाग देश के सबसे अच्छे आंखों के रोग के लिए जाना जाता है. यहां की विभाग अध्यक्ष और प्रोफेसर डॉक्टर शालिनी मोहन देश की प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं. इतना ही नहीं, उनके द्वारा अब तक आंखों से संबंधित लगभग 120 रिसर्च पेपर लिखे जा चुके हैं, जो अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय जनरल पर प्रकाशित हो चुके हैं. डॉक्टर शालिनी मोहन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश की जौनपुर की रहने वाली हैं. पिता समेत परिवार में कई लोग डॉक्टर हैं. इसे देखते हुए उनका भी मन डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने का हुआ. इसके बाद उन्होंने अपनी 12वीं तक की शिक्षा जौनपुर में की फिर मेडिकल के लिए प्रयागराज पहुंची. उन्होंने अपनी एमएस की डिग्री कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज से ली. इसके बाद से वह यहां पर बतौर प्रोफेसर तैनात हैं. साथ ही डिपार्टमेंट हेड भी हैं. इसलिए चुना आप्थाल्मालॉजी डॉक्टर शालिनी मोहन ने बताया कि आप्थाल्मालॉजी चुनने के पीछे भी एक खास कहानी है. उन्होंने बताया कि उनके बाबा को ग्लूकोमा की शिकायत थी. वहीं जब वह इस उम्र पर पहुंची कि उन्हें यह समझ आता तब तक उनके बाबा को दिखाई देना पूरी तरह से बंद हो गया. इसके बाद उन्होंने यह निश्चय किया कि वह डॉक्टर तो बनेंगी और मुख्य रूप से नेत्र रोग के क्षेत्र में काम करेंगी. किए हैं आंखों से जुड़े कई शोध डॉक्टर शालिनी मोहन ने आंखों से जुड़े कई शोध किए हैं. इतना नहीं, उनके द्वारा कई ऐसी तकनीक पर भी काम किया गया है जिनको देश स्तर पर पहचान मिली है. इसके साथ ही उनके द्वारा आंखों से जुड़ी 100 से अधिक रिसर्च वर्क किए गए हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. समाज सेवा करने का भी शौक डॉक्टर शालिनी मोहन अपनी समाज सेवा को लेकर भी जानी जाती हैं. वह हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों में मलिन बस्तियों में आंखों के कैंप लगाती हैं. इतना ही नहीं, वहां पर मौजूद लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है जो लोगों को आंखों से जुड़े रोग होते हैं. उनका पूरा इलाज किया जाता है. जिन लोगों को सर्जरी की जरूरत होती है, उनकी सर्जरी भी निशुल्क की जाती है. इसके साथ ही मरीजों को निशुल्क दवा देना हो. इलाज करना हो, इन सबके लिए वह बढ़कर काम करती हैं. Tags: Kanpur news, Local18, Medical18FIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 16:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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