मुगलई खानों की है जान यह कन्नौज का इत्र कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान

Perfume in Kannauj: कन्नौज में हजारों सालों से इत्र व्यापारी कारोबार करते चले आ रहे हैं. कहा जाता है कि यहां इत्र की शुरुआत मुगल काल में हुई थी. वहीं, मुगलों द्वारा अपने पसंदीदा खाने में भी इत्र का प्रयोग किया जाता था.

मुगलई खानों की है जान यह कन्नौज का इत्र कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान
अंजली शर्मा/कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हजारों सालों से इत्र व्यापारी यहां पर इत्र बना रहे हैं. ऐसे में यह भी कहा जाता हैं कि इत्र की शुरुआत मुगल काल से ही हुई थी, तो वहीं, मुगलों के कुछ पसंदीदा खाने में एक ऐसे इत्र का प्रयोग होता था, जो उनके खाने को सुगंधित व स्वादिष्ट दोनों ही बना देता था. ऐसा एक खास इत्र है, जिसका नाम है शमामा. घरेलू मसाले से बनने वाला यह शमामा का इत्र सेहतमंद स्वादिष्ट और अत्यंत सुगंधित होता है. जिसे मुगल अपनी मुगलई प्रमुख डिश बिरयानी के स्वाद को और बढ़ाने के लिए डालते थे. जानें कैसे बनता है शमामा इत्र शमामा एक ऐसा इत्र है, जो करीब 70 चीजों को मिलाकर बनता है. इसमें गरम खड़े मसाले का प्रयोग भरपूर मात्रा में होता है. जिसमें काली मिर्च का तेल, जायफल, तेज पत्ता, जीरा, जावित्री और उसके साथ नागर मोथा, सैंडलवुड ऑयल सहित बहुत सारी चीजों का प्रयोग होता है. जिसके चलते इसकी तासीर बहुत गर्म हो जाती है. इसकी सुगंध भी मसाले जैसी तीखी होती है. इसको खाने और लगाने दोनों में प्रयोग किया जा सकता है. लगाने के लिए सर्दियों का सीजन इसके लिए सबसे अच्छा होता है. जिससे शरीर में गर्माहट बनी रहती है. बिरयानी में मिलाने से बदल जाता है स्वाद लखनऊ की बिरयानी में मसाले के तौर पर कन्नौज के शमामा इत्र का प्रयोग जरूर होता है. मटन, कोरमा सहित कई तरह की नॉनवेज डिशेज में इसका प्रयोग किया जाता है. इसके मिलने से नॉनवेज खाद्य पदार्थों में सुगंध के साथ स्वाद भी कई गुना बढ़ जाता है. जानें क्या होती है इस शमामा इत्र की कीमत सर्दियों में बनने वाले शमामा इत्र की कीमत 12 से 15 लाख रुपए के करीब तक पहुंच जाती है तो वहीं, गर्मियों के सीजन में बनने वाला इत्र 60 से 80 हजार रुपए की कीमत में मिल जाता है. इस इत्र का भी रेट इसकी क्वालिटी के ऊपर आधारित होता है. जानें क्या बोले इत्र के कारोबारी इत्र व्यापारी निशिष तिवारी बताते हैं कि कन्नौज में एक प्रमुख इत्र ऐसा भी है जो लखनवी मुगलई मुख्य डिश बिरयानी की जान है. या यूं कहें कि यह भी उन नॉनवेज खाद्य पदार्थ में प्रयोग किए जाने वाला एक प्रमुख मसाला है. जिसको बहुत अच्छे से प्रयोग किया जाता है. इसको शमामा का इत्र कहा जाता है. यह खाने और लगाने दोनों में काम आता है. इत्र में मिलती हैं 70 चीजें बता दें कि नॉनवेज आइटम में इसका भरपूर प्रयोग होता है. इसमें घरेलू गरम और खड़े मसाले का प्रयोग होता है, तो वहीं, इसमें सैंडलवुड ऑयल, नागर मोथा सहित करीब 70 चीजें मिलती हैं. जिनसे मिलकर यह तैयार होता है. सर्दियों के सीजन में इसको शरीर पर प्रयोग करने से शरीर में गर्माहट रहती है. वहीं, खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने पर इसमें सुगंध के साथ-साथ स्वाद भी अलग हो जाता है. Tags: Kannauj news, Local18FIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 10:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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