जस्टिस नागरत्ना: भारत का संविधान लुटियंस दिल्ली का प्रोडक्ट नहीं
जस्टिस नागरत्ना: भारत का संविधान लुटियंस दिल्ली का प्रोडक्ट नहीं
Justice B V Nagarathna: सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में लीगल प्रोफेशन में महिलाओं की संख्या काफी कम होने पर चिंता जताई है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने शनिवार को छात्रों से कंस्ट्रक्टिव सिटिजनशिप के विचार के प्रति खुद को समर्पित करने का आग्रह किया. उन्होंने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि सोशल वर्क को सच्ची नागरिकता का आधार बनाना चाहिए. जस्टिस नागरत्ना ने भारतीय संविधान को लेकर भी बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि संविधान न तो लुटियंस दिल्ली का प्रोडक्ट है और न ही उसका एक्सक्लूसिव डोमेन है. सीनियरिटी के आधार पर भारत की पहली महिला CJI बनने वालीं जस्टिस नागरत्ना ने कानूनी पेशे में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम होने पर चिंता जताई है.
Tags: National News, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 22:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed