जेल प्रशासन ने दिखाया मानवीय रूप गरीब कैदियों की जमानत के लिए खुद की अपील

कानूनी प्रक्रिया के अनुसार अपराध करने के बाद आरोपी को जेल में बंद कर दिया जाता है. जेल में बंद करने का उद्देश्य यह होता है कि आरोपी अपराध से दूरी बना लें

जेल प्रशासन ने दिखाया मानवीय रूप गरीब कैदियों की जमानत के लिए खुद की अपील
 शाश्वत सिंह: झांसी जिला कारागार और जेल अधीक्षक ने मानवता की एक नई मिसाल पेश की है. पैसों की तंगी के कारण जेल में अपने गुनाह की सजा काट रहे 5 कैदियों को एक नया जीवनदान दिया गया है. यह सभी लंबी सजा काटने के बाद भी हाई कोर्ट में अपील नहीं कर पा रहे थे. इन कैदियों की बेबसी देखकर जेल प्रशासन का दिल पसीज गया. जेल प्रशासन ने अपनी तरफ से इन कैदियों की अपील करा दी. इस वजह से अब उन कैदियों को जमानत मिलने की संभावना बढ़ गई है. कानूनी प्रक्रिया के अनुसार अपराध करने के बाद आरोपी को जेल में बंद कर दिया जाता है. जेल में बंद करने का उद्देश्य यह होता है कि आरोपी अपराध से दूरी बना लें. जब वह जेल से बाहर जाएं तो तो एक अच्छा इंसान बनकर समाज में दोबारा लौट जाएं. जिस कैदी को लंबी सजा मिलती है वह हाई कोर्ट में अपील कर सकता है. इस अपील के आधार पर कई आरोपियों को जमानत मिल जाती है. 5 कैदियों के लिए हुई अपील जेल में बंद कुल 5 कैदियों की अपील जेल प्रशासन ने की है. इनमें पहला कैदी रवि है जिस पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप सिद्ध हुआ था. इसे 2023 में 7 वर्ष की सजा सुनाई गई थी. विनय को पॉक्सो का आरोप सिद्ध होने पर 2022 में 4 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. बैजनाथ पर हत्या का आरोप सिद्ध हुआ था. उसे साल 2020 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. खुमान को बलात्कार का आरोप सिद्ध होने पर 2015 में 20 साल की सजा सुनाई गई थी. एक अन्य कैदी रवि को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. यह सभी आर्थिक तंगी के कारण हाई कोर्ट में अपील नहीं कर पा रहे थे. जेल प्रशासन की पहल झांसी कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि लंबे समय से जेल में सजा काट रहे कैदियों को चिन्हित किया जाता है. इनमें से कुछ को अच्छे व्यवहार के चलते उनकी अपील जेल प्रशासन अपनी पहल पर करता है. कुल 5 कैदी ऐसे हैं जिनके परिजन बेहद गरीब हैं. वह हाई कोर्ट में अपील करने में सक्षम नहीं हैं. इसको ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने अपनी तरफ से अपील कर दी है. Tags: Jail story, Local18FIRST PUBLISHED : May 25, 2024, 08:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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