घर खोदा तो जमीन के नीचे से निकला एक और खूफिया घर अंदर गए तो आंखे फटी रह गईं

Jalna district news: जालना जिले के सराफगवन गांव में मकान की नींव खोदते समय 150 साल पुराना प्राचीन निर्माण मिला. ग्रामीणों ने इसे अनाज भंडारण का खलिहान बताया.

घर खोदा तो जमीन के नीचे से निकला एक और खूफिया घर अंदर गए तो आंखे फटी रह गईं
जालना जिले के घनसावंगी तालुका के सराफगवन गांव में एक अद्भुत घटना सामने आई है. यहां मकान निर्माण के लिए नींव खोदते समय एक प्राचीन मकान मिला है. स्थानीय लोगों का अनुमान है कि यह निर्माण करीब 150 साल पुराना हो सकता है. पुरानी ईंटों और पारंपरिक निर्माण शैली से यह संभावना जताई जा रही है कि यह अतीत में अनाज भंडारण का खलिहान रहा होगा. गांव का पुरातात्विक महत्व सराफगवन गांव में इससे पहले भी प्राचीन मूर्तियां मिलने की घटनाएं हो चुकी हैं. इससे ग्रामीणों में उत्सुकता बढ़ी है, और वे मांग कर रहे हैं कि पुरातत्व विभाग गांव में प्राचीन धरोहरों की खोजबीन करे. गांव की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को लेकर अब नए सिरे से चर्चा हो रही है. मकान निर्माण के दौरान हुआ खोज का खुलासा घटनास्थल की कहानी छह महीने पहले शुरू हुई, जब गणेश चव्हाण ने गांव में एक जमीन का टुकड़ा खरीदा. यह स्थान पहले एक जर्जर घर था, जिसे लोग नजरअंदाज करते थे. गुरुवार को चव्हाण ने अपने नए घर के निर्माण के लिए जेसीबी से नींव खुदाई शुरू करवाई. जैसे ही खुदाई 6-7 फीट गहरी हुई, जेसीबी ऑपरेटर ने पुरानी ईंटें देखीं. उत्सुकता में कुछ ईंटें हटाई गईं, तो सफेद मिट्टी और पुरानी ईंटों से बना पूरा मकान सामने आ गया. ग्रामीणों की राय और संभावना स्थानीय निवासी प्रह्लाद बादलकर के अनुसार, इस निर्माण को लेकर ग्रामीणों के बीच अलग-अलग मत हैं. कुछ का मानना है कि यह “लदनी” या “बालद” हो सकता है, जो पुराने समय में अनाज भंडारण के लिए बनाया जाता था. ग्रामीणों का मानना है कि यह खोज गांव के इतिहास को समझने में मददगार साबित हो सकती है. पुलिस और पुरातत्व विभाग की जांच इस घटना की सूचना मिलने के बाद, घनसावंगी समूह विकास अधिकारी और पुलिस की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने मौके की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, जिसे भारतीय पुरातत्व विभाग को सौंपा जाएगा. पुरातत्व विभाग की टीम इस जगह का निरीक्षण करेगी, और तब तक खुदाई का काम रोक दिया गया है. गांव की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सराफगवन गांव का इतिहास भले ही अधिक ज्ञात नहीं है, लेकिन इसके आसपास एक बड़ा मिट्टी का किला हुआ करता था, जो समय के साथ जर्जर हो गया. पहले भी पुल की खुदाई के दौरान भगवान की प्राचीन मूर्तियां मिल चुकी हैं. इस नई खोज से गांव का ऐतिहासिक महत्व फिर से उजागर हो रहा है. Tags: Gujarat, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 20:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed