ISRO ने फिर किया ऐसा कमाल दुनिया करेगी सलाम 3D प्रिंटिंग से बनाया रॉकेट इंजन
ISRO ने फिर किया ऐसा कमाल दुनिया करेगी सलाम 3D प्रिंटिंग से बनाया रॉकेट इंजन
इस लिक्विड रॉकेट इंजन को बनाने के लिए इस्तेमाल की गई लेजर पाउडर बेड फ्यूजन तकनीक ने इंजन पार्ट्स की संख्या को 14 से घटाकर एक कर दिया और 19 वेल्ड जोड़ों को समाप्त कर दिया है. इस डिजाइन ने हर इंजन को बनाने में कच्चे माल के तौर पर मेटल पाउडर के उपयोग को 565 किलोग्राम से घटाकर मात्र 13.7 किलोग्राम कर दिया.
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने एक और बड़ी उपलब्धी अपने नाम कर ली है. इसरो ने शुक्रवार को बताया कि उसने 9 मई को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग यानी 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके बनाए गए लिक्विड रॉकेट इंजन का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.
पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल PS4 में उपयोग के लिए बनाए गए इस इंजन का उपयोग इसरो के इस वर्कहॉर्स रॉकेट के ऊपरी चरण में किया जाता है. इसरो ने पारंपरिक रूप से निर्मित PS4 इंजन को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीकों के अनुकूल बनाने के लिए फिर से डिजाइन किया है.
इसरो की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस इनोवेटिव अप्रोच, जिसे डिज़ाइन फॉर एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के रूप में जाना जाता है, ने उल्लेखनीय लाभ प्राप्त किए हैं.
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इसरो ने कहा, ‘इस इंजन को बनाने के लिए इस्तेमाल की गई लेजर पाउडर बेड फ्यूजन तकनीक ने इंजन पार्ट्स की संख्या को 14 से घटाकर एक कर दिया और 19 वेल्ड जोड़ों को समाप्त कर दिया है. इस डिजाइन ने हर इंजन को बनाने में कच्चे माल के तौर पर मेटल पाउडर के उपयोग को 565 किलोग्राम से घटाकर मात्र 13.7 किलोग्राम कर दिया. वहीं इसे बनाने में लगने वाला समय भी 60% कम कर दिया है.’
Tags: ISRO, Space ScienceFIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 08:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed