पानी की बचत के लिए रेलवे ने अपनाया अनोखा उपाय जान कर रह जाएंगे हैरान

Vande Bharat Trains: भारतीय रेलवे ने छोटी यात्राओं के हिसाब से यात्रियों के लिए आधा लीटर की रेल नीर की बोतलें दे करके वंदे भारत ट्रेनों में नई व्यवस्था लागू की है. जिससे पीने के पानी की बर्बादी को रोकने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही मध्य रेलवे उपयोग किए गए जल को साफ करके उसका दोबारा उपयोग और वनीकरण परियोजनाओं सहित जल संरक्षण पहल पर जोर दे रहा है.

पानी की बचत के लिए रेलवे ने अपनाया अनोखा उपाय जान कर रह जाएंगे हैरान
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे ने हाल ही में किए गए एक बड़े बदलाव में वंदे भारत ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब पहले मिलने वाली 1 लीटर की रेल नीर की बोतल की जगह पर आधा लीटर की रेल नीर की बोतल दी जाएगी. यह बदलाव पीने के पानी की बर्बादी को कम करने और संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग करने के उद्देश्य से किया गया है. वंदे भारत ट्रेन में अब हर यात्री को 500 मिलीलीटर की एक रेल नीर पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की बोतल दी जाएगी. इसके अलावा यात्रियों के पास ट्रेन के कर्मचारियों से बिना किसी शुल्क के अतिरिक्त 500 मिलीलीटर की बोतल मांगने का विकल्प भी होगा. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) दीपक कुमार ने बताया कि इस फैसले का लक्ष्य पीने योग्य पानी की गैर-जरूरी खपत को कम करना है. छोटी 500 मिलीलीटर की बोतलें दे करके रेलवे राजधानी जैसी लंबी दूरी की यात्राओं की तुलना में वंदे भारत ट्रेनों से जुड़ी आम तौर पर कम दूरी की यात्राओं के साथ पानी की बचत के लिए खपत के साथ बेहतर तालमेल बिठाने का इरादा रखता है. रेलवे का यह कदम शताब्दी ट्रेनों पर लागू की गई इसी तरह की पहल की सफलता को भी दिखाता है. जहां यात्रियों को भी 8.5 घंटे तक चलने वाली यात्राओं के लिए सीमित पानी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 1 लीटर की बड़ी बोतलों के बजाय 500 मिलीलीटर की रेल नीर की बोतलें दी जाती थीं. पानी के संरक्षण को बढ़ावा देने की व्यापक कोशिश में मध्य रेलवे सक्रिय रूप से कोच और प्लेटफॉर्म की सफाई के लिए उपयोग किए गए पानी को साफ करके उसका उपयोग कर रहा है. रेलवे फिलहाल 32 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये रोजाना लगभग एक करोड़ लीटर साफ किए पानी का दोबारा उपयोग कर रहा है. इसके अलावा रेलवे ने 158 जगहों पर वर्षा के पानी को संरक्षित करने वाली इकाइयां कायम की हैं. इसके साथ ही तीन ऑटोमेटिक कोच-धुलाई संयंत्रों को बनाए जाने से जल संरक्षण की कोशिशों में और योगदान मिला है. इसके अलावा मध्य रेलवे ने स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने और बनाए रखने के लिए विभिन्न जगहों पर पांच लाख पेड़ लगाकर बहुत बड़ी वन लगाने की परियोजनाएं शुरू की हैं. . Tags: Clean water, Indian railway, Indian Railways, Vande bharat train, Vande Bharat TrainsFIRST PUBLISHED : April 27, 2024, 15:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed