रेलवे ट्रैक पर हथौड़ा लिए नहीं दिखेंगे गैंगमैन रेल मंत्री ने बताया प्‍लान

रेलमंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने बताया कि नई तकनीक के तहत ट्रैक को स्‍लीपर से कसने के लिए हुक की जगह एसकेआई 30 का इस्‍तेमाल किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्‍ट के रूप में 18 किमी. लंबे ट्रैक पर इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है.

रेलवे ट्रैक पर हथौड़ा लिए नहीं दिखेंगे गैंगमैन रेल मंत्री ने बताया प्‍लान
नई दिल्‍ली. ट्रेन में सफर के दौरान खिड़की से बाहर की ओर देखने पर आपको अकसर बगल के ट्रैक पर ओरेंज कलर की वर्दी पहने और हाथों में हथौड़ा लिए गैंगमैन दिख जाते हैं. इनकों भारतीय रेलवे की रीढ़ भी कहा जाता है. क्‍योंकि यही लोग दिन रात, गर्मी सर्दी सभी मौसम में ट्रैक की पेट्रोलिंग करते हैं. इन गैंगमैनों के लिए अच्‍छी खबर है. जल्‍द ही इनको हथौड़ा लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी. रेलवे ने ट्रैकों को स्‍लीपर से कसने नया प्रयोग किया है, जो सफल रहा है. रेलवे ट्रैक को स्‍लीपर से कसने के लिए हुक लगे होते हैं. इनमें कोई चूड़ी नहीं होती है. इस वजह से ट्रेनों के लगातार गुजरने से कई बार ढीले होने की संभावना रहती है. इसको चेक करने के लिए गैंगमैन तैनात किए जाते हैं. ये ट्रैक पर चलकर सभी हुकों को हथौड़ा मारकर चेक करते हैं और जो ढीला होता है, उसे हथौड़े कसते हैं. ट्रैक को स्‍लीपर से इस तरह कसा जाएगा. जानें क्‍या है नई तकनीक रेलमंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने बताया कि नई तकनीक के तहत ट्रैक को स्‍लीपर से कसने के लिए हुक की जगह एसकेआई 30 का इस्‍तेमाल किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्‍ट के रूप में 18 किमी. लंबे ट्रैक पर इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है. उन्‍होंने बताया कि सेफ्टी के लिहाज से हुक के मुकाबले ये बहुत बेहतर है. इसमें माइनस 60 डिग्री से प्‍लस 60 डिग्री तक तापमान झेलने की क्षमता है. अब ट्रैकों पर एसकेआई 30 का ही इस्‍तेमाल किया जाएगा. देशभर में यहां की ट्रेनें सबसे ज्‍यादा समय की पाबंद हैं, सफर करने के बाद आप भी कहेंगे वाह… डेढ़ लाख किमी. लंबे रेलवे ट्रैक की जिम्‍मेदारी डेढ़ लाख किलोमीटर से भी ज़्यादा लंबे भारतीय रेल के नेटवर्क को सुरक्षित रखने में गैंगमैन अहम भूमिका अदा करते हैं. हर मौसम में भारतीय रेल के इस ट्रैक को सुरक्षित रखना इनकी जिम्‍मेदारी होती है. गैंगमैन रेलवे ट्रैक पर पैदल घूम घूमकर पेट्रोलिंग करते हैं और पटरियों में किसी भी तरह की खामी को मरम्‍मत कर दूर करते हैं, ताकि ट्रेनें सुरक्षित तरीके से इन पर चलते हुए यात्रियों को अपने गंतव्‍य तक पहुंचाएं. करीब दो लाख गैंगमैन और ट्रैक मेंटेनर रेलवे ट्रैक की मॉनिटरिंग के लिए तैनात रहते हैं. Tags: Ashwini Vaishnaw, Indian railway, Indian Railway newsFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 10:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed