इंशाल्लाह एक दिन पाकिस्तान की संसद पर फहराएंगे तिरंगा कौन हैं ऐसा कहने वाले प्रोफेसर शेख सादिक
इंशाल्लाह एक दिन पाकिस्तान की संसद पर फहराएंगे तिरंगा कौन हैं ऐसा कहने वाले प्रोफेसर शेख सादिक
India-Pakistan Rift - पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख आसिम मुनीर अहमद (Pak Army Chief Asim Munir Agmed) ने पद ग्रहण करने के बाद सबसे पहले पाक अधिकृत कश्मीर में नियंत्रण रेखा (POK, LOC) का दौरा कर कहा कि पाक सेना दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देगी. इसके बाद ट्विटर पर दोनों देशों के लोगों के बीच जंग छिड़ गई.
नई दिल्ली. पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख आसिम मुनीर अहमद ने हाल ही में अपनी जिम्मदारियां संभाली हैं. दूसरे सेना प्रमुखों की तरह आसिम मुनीर ने भी पद ग्रहण करते ही कश्मीर पर कब्जा करने का राग अलापना शुरू कर दिया. उन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देती रहेगी. उनके इस बयान के बाद ट्विटर पर दोनों देशों के लोगों के बीच जंग का माहौल बन गया.
स्वीडन की Uppsala University में पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रिसर्च के प्रोफेसर अशोक स्वैन ने ट्वीट किया कि भारतीय सेना के जनरल के मुताबिक, वह पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर को वापस ले सकते हैं. वहीं, पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख कह रहे हैं कि वह भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर का हिस्सा ले लेंगे. इस सब के बीच क्या किसी ने आम कश्मीरियों से कभी पूछा है कि वे क्या चाहते हैं? इसके बाद ट्विटर पर यूजर्स के बीच कश्मीर को लेकर वॉर शुरू हो गई.
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‘कश्मीरी पाक नहीं भारत के साथ रहना चाहते हैं’
पाकिस्तान के कराची की रहने वाली एक्टर, यूट्यूबर, समाजसेवी सहर शिनवारी ने ट्वीट किया कि काश, पेशावर से लेकर कन्याकुमारी तक सारा पाकिस्तान होता, तो कितना मजा आता. इस पर पलटवार करते हुए टीपू सुल्तान पार्टी के संस्थापक प्रोफेसर शेख सादिक ने लिखा, ‘ख्वाब देखना बंद कर दो. इंशाल्लाह एक दिन आएगा, जब हम पाकिस्तान की संसद पर तिरंगा फहराएंगे.’ वहीं एक यूजर ने प्रोफेसर अशोक स्वैन के ट्वीट पर जवाब दिया कि आम कश्मीरी अपनी इच्छा जता चुके हैं.
वार –
पटलवार –
‘कश्मीर कब्जाने की पाक की असफल कोशिशें’
सिंधुदेश के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये अशोक स्वैन को जवाब दिया गया कि आम कश्मीरियों की इच्छा पहले ही डॉक्यूमेंटेड है. बस पाकिस्तान और वहां के लोग इसे मानने को तैयार नहीं है. इसमें आगे लिखा गया है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा 26 अक्टूबर 1947 को दस्तावेजों में दर्ज कर दी गई है. ये दस्तावेज जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के हस्ताक्षरित भारत में विलय के कागज हैं. इसके बाद भी पाकिस्तान 1947 से अब तक लगातार कश्मीर पर कब्जा करने की असफल कोशिश कर रहा है.
वार –
पलटवार –
‘हिंदू ही असली कश्मीरी और कश्मीर से हैं बाहर’
एक ट्विटर यूजर खुर्रम सईद ने सवाल उठाया कि आजादी के बाद के 75 साल में इस फालतू के विवाद को किसी नेता ने क्यों नहीं सुलझाया? उस पर हमारे पास ये जहरीले लोग हैं, जो आग लगाना और उससे मजा लेने में लगे हैं. मैं नहीं समझ पाया कि पाकिस्तानी कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा क्यों मानते हैं. वहीं, एक यूजर सिंपली हितेश ने लिखा, कश्मीरी कश्मीर से बाहर हैं. कश्मीरी हिंदू ही असली कश्मीरी हैं. जम्मू और लद्दाख के लोग भी असली कश्मीरी हैं. ये लोग लड़े, उनका शोषण हुआ लेकिन कभी झुके नहीं.
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Tags: Army Chief, India pak border, India pakistan war, Kashmir, Twitter warFIRST PUBLISHED : December 05, 2022, 19:35 IST