भारतीय डॉक्टरों ने क्यों नहीं छोड़ा बांग्लादेश जख्मी लोगों के लिए बने देवदूत

Bangladesh Indian Doctors: शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से 5 अगस्त को इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं में 100 से ज्यादा की मौत हुई है. हिंसा प्रभावित देश में सेना स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हुई है. हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की.

भारतीय डॉक्टरों ने क्यों नहीं छोड़ा बांग्लादेश जख्मी लोगों के लिए बने देवदूत
नई दिल्ली. बांग्लादेश में रह रहे कई भारतीय डॉक्टरों ने हिंसा प्रभावित ढाका में ही रहकर लोगों की जान बचाने का अपना कर्तव्य निभाने का फैसला किया है, जबकि उनके अभिभावक उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. बांग्लादेश में मौजूद कई भारतीय डॉक्टरों ने कहा कि ढाका के कई अस्पतालों में हताहतों की संख्या में अचानक हुई वृद्धि के कारण संसाधनों की कमी है और डॉक्टरों पर अत्यधिक बोझ है. उन्होंने पीटीआई से कहा कि वे ‘कर्तव्य की भावना’ से प्रेरित हैं और अस्पतालों को मौजूदा संकट से निपटने में मदद करने का निर्णय किया है. पुराने ढाका के एक अस्पताल से जुड़े श्रीनगर के एक डॉक्टर ने फोन पर बताया, ‘हमारे सामने कई ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें छर्रे लगने, गोली लगने और चाकू से वार से घाव हैं. सोमवार रात प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच ताजा झड़पों के बाद हताहतों की संख्या में वृद्धि हुई है. संसाधनों की भारी कमी है और हम प्रतिदिन 17-18 घंटे काम कर रहे हैं.’ सोमवार को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के कुछ ही घंटे बाद पूरे बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई, जिसके कारण हुई हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. गुजरात के एक अन्य डॉक्टर ने कहा, ‘हमारे माता-पिता हमारी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, लेकिन हमने डिग्री पूरी होने के समय लोगों के जीवन की रक्षा करने की शपथ ली थी. उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है और इस कठिन समय में अस्पतालों को हमारी जरूरत है.’ हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि मंगलवार सुबह कर्फ्यू हटा लिया गया और दुकानें, व्यवसाय और अन्य प्रतिष्ठान धीरे-धीरे फिर से खुलने लगे जिससे स्थिति में सुधार हुआ है. जम्मू कश्मीर के एक डॉक्टर और बांग्लादेश में भारतीय मेडिकल छात्रों के संघ के अध्यक्ष ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में विदेशी नागरिकों को कोई खतरा नहीं है. मैं पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहा हूं. झड़पें प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक संगठनों के बीच हैं. जो लोग मेरे जैसे विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हैं उन्हें कोई सुरक्षा चिंता नहीं है. सोमवार तक कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी. हालांकि, मंगलवार को हालात सुधरे. हम सड़कों पर लोगों और कारोबारियों को अपना काम फिर से शुरू करते हुए देख रहे हैं.’ Tags: Bangladesh, Sheikh hasinaFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 22:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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