न साथ देंगे न विरोध करेंगे: UN में रूस की इस मांग पर वोटिंग से भारत ने खुद को रखा अलग जानें क्या था मसला

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर ए. अमरनाथ ने बताया कि भारत जैविक हथियार सम्मेलन (बीडब्ल्यूसी) को अत्यधिक महत्व देता है, जो जनसंहार के हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली पहली भेदभाव रहित निरस्त्रीकरण संधि है. उन्होंने कहा, ‘हम बीडब्ल्यूसी की प्रभावशीलता को बढ़ाने और उसे पूरी तरह से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’

न साथ देंगे न विरोध करेंगे: UN में रूस की इस मांग पर वोटिंग से भारत ने खुद को रखा अलग जानें क्या था मसला
संयुक्त राष्ट्र: यूक्रेन और अमेरिका द्वारा ‘जैविक हथियारों’ का इस्तेमाल करने के रूस के दावों की पड़ताल के लिए जांच आयोग के गठन की मांग संबंधी मसौदा प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया. प्रस्ताव बुधवार को पारित नहीं हो पाया क्योंकि परिषद के केवल दो सदस्यों रूस और चीन ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इसके खिलाफ मतदान किया. वहीं, भारत सहित परिषद के अन्य सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर ए. अमरनाथ ने बताया कि भारत जैविक हथियार सम्मेलन (बीडब्ल्यूसी) को अत्यधिक महत्व देता है, जो जनसंहार के हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली पहली भेदभाव रहित निरस्त्रीकरण संधि है. उन्होंने कहा, ‘हम बीडब्ल्यूसी की प्रभावशीलता को बढ़ाने और उसे पूरी तरह से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’ अमरनाथ ने कहा कि भारत एक प्रभावी, सार्वभौमिक व भेदभाव रहित सत्यापन तंत्र मुहैया कराने के लिए एक समग्र एवं कानूनी रूप से बाध्यकारी ‘प्रोटोकॉल’ को लेकर वार्ता करने की आवश्यकता को दोहराता है ताकि बीडब्ल्यूसी का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन हो सके. उन्होंने कहा, ‘यह बीडब्ल्यूसी को मजबूत करने और अन्य देशों द्वारा इसके क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है और हमें उम्मीद है कि वर्तमान स्थिति देशों द्वारा इस तरह के प्रोटोकॉल पर शीघ्र विचार, वार्ता करने और उसे अंतिम रूप देने के लिए प्रोत्साहित करेगी.’ उन्होंने कहा कि इन सभी तथ्यों पर गौर करते हुए भारत ने प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया. वहीं, अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूस द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक बयान में कहा, ‘इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया क्योंकि यह दुष्प्रचार, बेईमानी, दुर्भावना पर आधारित है और इस निकाय के प्रति पूर्ण सम्मान व्यक्त नहीं करता.’ उन्होंने कहा कि रूस अपने दावों के समर्थन में कोई विश्वसनीय सबूत पेश नहीं कर पाया, ‘जैसा कि आप आज के मतदान में देख सकते हैं कि चीन के अलावा किसी को उसके दावों पर भरोसा नहीं है. मैं रूस के झूठ पर बात करके अपना और समय व ऊर्जा बर्बाद नहीं करूंगी. न ही सुरक्षा परिषद को करना चाहिए. उस समय तो बिल्कुल नहीं जब सैनिकों ने अब भी यूक्रेन के क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है, जब रूसी सेना यूक्रेनी नागरिकों पर हमला कर रही है और युद्ध अपराधों को अंजाम दे रही है. रूस को हमारा समय बर्बाद करने देने के बजाय, हमें वास्तविकता तथा उस भयावहता पर ध्यान देना चाहिए जो रूस ने यूक्रेन के लोगों पर की है.’ रूस के पहले उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने यूएनएससी में मतदान से पहले कहा था कि मतदान ‘सुरक्षा परिषद के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.’ मतदान में प्रस्ताव पारित न होने के बाद उन्होंने कहा कि रूस ‘बीटीडब्ल्यूसी (जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन) ढांचे के तहत कार्य करना जारी रखेगा और यूक्रेन की प्रयोगशालाओं में जैविक गतिविधियों के संदर्भ में अमेरिका तथा यूक्रेन द्वारा बीटीडब्ल्यूसी के दायित्वों के उल्लंघन से संबंधित सभी तथ्यों को सामने लाने की कोशिश करेगा. आज नहीं तो कल इस तरह की अवैध गतिविधियों के लिए विश्व के समक्ष अपराधियों की जवाबदेही तय होगी. ’ रूस ने पिछले सप्ताह परिषद के सदस्यों को 310 पृष्ठों का एक दस्तावेज दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि यूक्रेन में जैविक हथियारों का इस्तेमाल अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की मदद से हो रहा है. दस्तावेज में एक आधिकारिक शिकायत भी शामिल थी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: India news, Russia, UkraineFIRST PUBLISHED : November 03, 2022, 13:54 IST