सितंबर में भी बरसेंगे बादल! लेकिन असामान्य बारिश की आशंका बरकरार जानें IMD का अलर्ट
सितंबर में भी बरसेंगे बादल! लेकिन असामान्य बारिश की आशंका बरकरार जानें IMD का अलर्ट
IMD Alert: आईएमडी के एक बयान के अनुसार पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक सामान्य वर्षा की संभावना है.
हाइलाइट्सउत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में कम बारिश का अनुमानअब तक 69% जिलों में सामान्य या अधिक बारिश दर्ज की गईकम बारिश के चलते कई इलाकों में धान की बुवाई प्रभावित
नई दिल्ली. मौसम विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को कहा कि सितंबर महीने के दौरान मानसून की बारिश ‘सामान्य से अधिक’ होने की उम्मीद है. विभाग के मुताबिक दक्षिण, पश्चिम और मध्य क्षेत्रों में ‘सामान्य’ या ‘सामान्य से अधिक’ बारिश हो सकती हैं तो वहीं महीने के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में ‘सामान्य से कम’ बारिश की आशंका है. आईएमडी के एक बयान के अनुसार पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक सामान्य वर्षा की संभावना है. पूरे देश में औसत वर्षा बेंचमार्क ‘लॉन्ग पीरियड एवरेज’ (एलपीए) से अधिक होकर 109प्रतिशत की सामान्य सीमा से अधिक होने की संभावना है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में देश में एलपीए की तुलना में 16.8प्रतिशत अधिक वर्षा हुई, जिससे जून में हुई 8 प्रतिशत की कमी समाप्त हो गई. साथ ही अगस्त में मानसून की बारिश एलपीए से 3.5 फीसदी ज्यादा थी. पूर्व और उत्तर-पूर्व के साथ उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में अब तक वर्षा की कमी क्रमशः 19 प्रतिशत और 2 प्रतिशत रही है, जबकि 1 जून से 1 सितंबर के दौरान सभी चार क्षेत्रों में क्युमुलेटिव रेनफॉल 750 मिमी थी, जो सामान्य से 6 प्रतिशत अधिक थी. इसी अवधि के लिए 707 मिमी का एलपीए मौसम विभाग की ओर से तय किया गया है. वहीं जिलेवार वर्षा पैटर्न के संदर्भ में, अब तक 69 प्रतिशत जिलों में सामान्य या अधिक बारिश हुई है, जबकि शेष जिलों में कम बारिश हुई है.
धान की बुवाई प्रभावित
पूर्वी क्षेत्रों में कम वर्षा के कारण, एक सप्ताह पहले तक चल रहे खरीफ मौसम में धान की बुवाई 36.67 मिलियन हेक्टेयर (एमएच) दर्ज की गई थी, जो एक साल पहले की तुलना में 6 प्रतिशत कम थी. 2016-17 से 2020-21 के बीच धान की औसत बुवाई सालाना 39.7 मिलियन हेक्टेयर थी.
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल खरीफ फसलों- धान, दलहन, तिलहन, कपास और पोषक-अनाज आदि की बुवाई एक सप्ताह पहले 104.5 मिलियन हेक्टेयर थी, जबकि एक साल पहले यह 106.1 मिलियन हेक्टेयर थी. पिछले साल की तुलना में दालों की बुवाई 5 फीसदी कम क्षेत्र में हुई है जबकि तिलहन की बुवाई में एक साल पहले की तुलना में मामूली कमी आई है. कपास की बुवाई अब तक 6 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि गन्ने की बुवाई में पिछले साल की तुलना में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
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Tags: IMD forecast, MonsoonFIRST PUBLISHED : September 02, 2022, 08:17 IST