मिर्च की खेती ने घोली किसानों के जीवन में मिठास बंपर हो रही कमाई

कमालगंज क्षेत्र के महमदपुर निवासी विजय कुमार बताते हैं कि उन्होंने इस समय पर सुईया मिर्च अपने खेतों में उगाई है. इसमें मुख्य रूप से एक बीघा में 10 से लेकर 15 हजार रुपए तक की लागत आ जाती है. लेकिन एक बार फसल तैयार होने के बाद 50 से 60 हजार रूपए की कमाई आसानी से हो जाती है.

मिर्च की खेती ने घोली किसानों के जीवन में मिठास बंपर हो रही कमाई
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में सैकड़ों किसान इन दिनों मिर्च की खेती करके अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. जिस प्रकार मिर्च की खेती किसानों के जीवन में खुद कड़वी होने के बावजूद भी मिठास घोल रही है. वह इसलिए क्योंकि कम लागत में तैयार हो जाती है. जबकि मंडी में पहुंचते ही इससे तगड़ी कमाई होती है . वैसे तो फर्रुखाबाद में आलू की खुदाई के बाद किसान मक्के की फसल की बुआई कर देते हैं. लेकिन इस बार किसान परंपरागत खेती को छोड़कर सब्जियों की ओर रुख कर रहे हैं. जिस प्रकार जिले की मिट्टी मिर्च की फसल के लिए काफी मुफीद मानी जाती है. इसमें पानी की निकासी सही होने के साथ ही कम लागत में तैयार हो जाती है. तो दूसरी ओर एक बार इसके पौधे लगाने के बाद कई बार में कमाई होती है. इसीलिए इन दिनों किसान मिर्च की विभिन्न प्रजातियों को तैयार करके बिक्री कर रहे हैं. कमालगंज क्षेत्र के महमदपुर निवासी विजय कुमार बताते हैं कि उन्होंने इस समय पर सुईया मिर्च अपने खेतों में उगाई है. इसमें मुख्य रूप से एक बीघा में 10 से लेकर 15 हजार रुपए तक की लागत आ जाती है. लेकिन एक बार फसल तैयार होने के बाद 50 से 60 हजार रूपए की कमाई आसानी से हो जाती है. इसकी फसल 90 दिन में तैयार होती है और दो महीने तक आसानी से चलती रहती है. खास पद्धति से करते हैं सिंचाई किसान ने अपने खेतों में प्लास्टिक के पाइप लगा रखे हैं. जो हर पौधे की जड़ तक टपक पद्धति द्वारा पानी पहुंचाते हैं. जिससे खेत में अत्यधिक खतपतवार भी नहीं होता है. वहीं दूसरी ओर पौधे को पर्याप्त मात्रा में पानी भी मिल जाता है. जिसके कारण फसल की पैदावार भी बढ़ जाती है. बहुत काम की हैं पत्तियां और लकड़ियां किसान बताते हैं कि मिर्च के पौधे की जो पत्तियां होती हैं, उनको वह निकालकर जैविक खाद में मिलाकर खेत में डालते हैं. जिससे कीटाणु भी नष्ट होते हैं. इसके पौधे की लकड़ियों को वह इंधन के कार्य में प्रयोग करते हैं. वहीं मिर्च के पत्तियों को वह प्रयोग में लेते हैं. जिससे इनके खेतों की उर्वरक क्षमता भी बढ़ती है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 26, 2024, 10:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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