मोदी ही खत्म करेंगे रूस-यूक्रेन जंगशपथ लेते ही PM के माथे पर आई यह जिम्मेदारी
मोदी ही खत्म करेंगे रूस-यूक्रेन जंगशपथ लेते ही PM के माथे पर आई यह जिम्मेदारी
PM Modi: स्विटजरलैंड की मेजबानी में यूक्रेन पीस समिट यानी यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन हो रहा है. इसमें करीब 90 देशों ने शामिल होने की पुष्टि की है. हालांकि, न्योता तो 160 देशों को भेजा गया था. भारत भी इस यूक्रेन पीस समिट में शामिल होगा.
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच करीब ढाई साल से जंग जारी है. रूस और यूक्रेन संघर्ष में हजारों लोगों की मौत हो चुकी हैं. लाखों घर मलबों में तब्दील हो चुके हैं. करोड़ों जिंदगियां तबाह हो चुकी हैं. फिर भी युद्ध की आग बुझी नहीं है. भारत समेत पूरी दुनिया किसी तरह रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म कराने की कोशिशों में जुटी है. अब जब भारत में लगातार तीसरी बार मोदी की सरकार बन गई है. ऐसे में रूस-यूक्रेन जंग के मद्देनजर पूरी दुनिया की नजर भारत पर टिक गई है. एक तरह से देखा जाए तो अब पीएम मोदी के ऊपर ही रूस-यूक्रेन जंग को खत्म कराने की जिम्मेदारी आ गई है. यूक्रेन-रूस जंग खत्म कराने के लिए दुनिया के 90 देश एक साथ आ गए हैं. इसमें भारत भी शामिल है.
दरअसल, स्विटजरलैंड की मेजबानी में यूक्रेन पीस समिट यानी यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन हो रहा है. इसमें करीब 90 देशों ने शामिल होने की पुष्टि की है. हालांकि, न्योता तो 160 देशों को भेजा गया था. भारत भी इस यूक्रेन पीस समिट में शामिल होगा. रूस ने इस पीस समिट में शामिल होने से इनकार कर दिया है. रूस की तरह चीन ने भी हामी नहीं भरी है. चीन ने तो अलग से शर्त भी रख दी है. स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति वियोला एमहर्ड ने यह जानकारी दी. सम्मेलन में भाग लेने से रूस के इनकार करने के बावजूद इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इसमें शामिल होने वाले देशों में से आधे से अधिक राष्ट्र यूरोप से हैं.
क्या है पीस समिट का मकसद?
राष्ट्रपति एमहर्ड के मुताबिक, यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू करने के करीब 28 महीने बाद 15-16 जून को होने वाले इस शिखर सम्मेलन का लक्ष्य संभावित शांति का मार्ग प्रशस्त करना और युद्ध को खत्म करने की दिशा में सहमत होना है. उन्होंने कहा कि यह दुष्प्रचार नहीं है. यह स्विटजरलैंड द्वारा मुहैया की जा रही मानवीय सहायता के मुद्दे पर और वार्ता की पहले करने के बारे में है. स्विस अधिकारियों की मानें तो ब्राजील और चीन ने कहा है कि वह तब तक इस समिट में भाग नहीं लेंगे, जब तक कि रूस सहित दोनों पक्ष वार्ता की मेज पर नहीं आते. यूक्रेन इसमें शामिल होने को तैयार है, मगर रूस ने इनकार किया है. हालांकि, यूक्रेन पीस समिट को लेकर स्विटजरलैंड रूसी अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में है.
क्या समिट में जाएंगे मोदी?
स्विटजरलैंड का कहना है कि यूक्रेन पीस समिट में भारत भी शामिल होगा. हालांकि, भारत की ओर से पीएम मोदी जाएंगे या विदेश मंत्री एस जयशंकर जाएंगे या कोई अन्य भारतीय प्रतिनिधि शामिल होगा, इसे लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ सामने नहीं आया है. माना जा रहा है कि यूक्रेन पीस समिट में शामिल होने वालों की फाइनल लिस्ट शुक्रवार तक आ जाएगी. अलजजीरा की मानें तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के शामिल होने की संभावना है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस समिट में नहीं आएंगे. मगर उनकी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन शामिल होंगे.
मोदी तो युद्ध भी रुकवा चुके हैं
अगर पीएम मोदी इस समिट में जाते हैं तो रूस-यूक्रेन जंग की दिशा में यह बड़ा कदम होगा. भारत इस समिट में जंग खत्म करने की दिशा में रास्ता ढूंढने की पूरी कोशिश करेगा. इससे पहले भी पीएम मोदी रूस-यूक्रेन जंग में बड़ी भूमिका निभा चुके हैं. जब दोनों देशों के बीच जंग छिड़ गई थी, भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस निकालने की चुनौती थी, तब पीएम मोदी ने ही दोनों देशों से बात करके कुछ देर के लिए जंग रुकवाई थी. खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात का खुलासा किया था. मार्च 2022 में रूस एक बार तो यूक्रेन पर न्यूक्लियर अटैक करने का मूड बना चुका था. तब यूएन सेक्रेटरी के कहने पर पीएम मोदी ने ही रूस-यूक्रेन से बात की थी और इसे टाला था.
मोदी की भूमिका क्यों अहम?
रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करवाने में मोदी की भूमिका अहम होगी. अमेरिका समेत कई देश मानते हैं कि भारत ही दोनों देशों के बीच जंग रुकवा सकता है. रूस और यूक्रेन दोनों ने पीएम मोदी को इन्वाइट किया है. दोनों देशों ने पीएम मोदी से लोकसभा चुनाव 2024 के बाद आने का न्योता दिया था. पीएम मोदी 2018 में आखिरी बार रूस गए थे. अब जबकि लोकसभा चुनाव खत्म हो गए हैं. ऐसे में एक बार फिर दुनिया की नजर मोदी पर है. मोदी रूस और यूक्रेन जाएंगे या नहीं, अभी इसे लेकर कोई प्लान सामने नहीं आया है. हालांकि, मोदी शुरू से ही रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत के जरिए युद्ध समाप्ति की वकालत करते रहे हैं. अच्छी बात यह है कि रूस और यूक्रेन दोनों भारत को न्यूट्रल मानते हैं.
Tags: PM Modi, Russia News, Russia ukraine war, Ukraine, Ukraine News, Ukraine warFIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 08:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed