साहब! बेगुनाह हूं कह IGIA पर गिड़गिड़ा रहा था शख्‍स तभी हुआ ऐसा खुलासा कि

साहब! मैं तो कभी रूस गया ही नहीं... कहते हुए एक यात्री अपने आपको बेगुनाह बताते हुए गिड़गिड़ा रहा था. लेकिन, तभी इस शख्‍स ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के सामने ऐसे एक खुलासा कर दिया, जिसको सुनने के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियां टेंशन में आ गईं. क्‍या था पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे...

साहब! बेगुनाह हूं कह IGIA पर गिड़गिड़ा रहा था शख्‍स तभी हुआ ऐसा खुलासा कि
Delhi Airport: बेहतर जिंदगी की आस में सउदी अरब गया इंजामुल हक करीब दो साल के बाद अपने परिजनों से मिलने के लिए वापस आया था. सउदी अरब से दिल्‍ली एयरपोर्ट के बीच तो सबकुछ ठीक रहा, लेकिन इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचते ही मुसीबतों के बादल ने उसे घेरना शुरू कर दिया. कुछ ही पलों में, वहां के हालात कुछ इस तरह बिगड़े कि इंजामुल हक को हिरासत में ले लिया गया. इंजामुल लगातार अपनी बेकसूरी को लेकर गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन सामने आए साक्ष्‍यों के बाद उसकी सुनने वाला वहां कोई नहीं था. दरअसल, आईजीआई एयरपोर्ट पर जांच के दौरान इमिग्रेशन ब्‍यूरो के अफसर ने पाया कि इंजामुल हक के पासपोर्ट के दो अलग-अलग पेजों पर रूस के दो वीजा स्‍टीकर लगे हुए हैं. वीजा स्‍टीकर पर मौजूद सिक्‍योरिटी फीचर्स को देखने के बाद इमिग्रेशन अधिकारी को शक हो गया. जिसके बाद, इन दोनों वीजा स्‍टीकर्स को जांच के लिए भेजा गया. जांच में यह पुष्टि हो गई कि पासपोर्ट पर लगे दोनों वीजा स्‍टीकर फर्जी हैं, जिसके बाद इमिग्रेशन अफसर ने उसे हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस के हवाले कर दिया. यह भी पढ़ें: कनाडा के सपनों के बीच आया ‘वियतनाम’, पल भर में खड़ी कर दी ऐसी मुसीबत, 22 साल के युवक की बर्बाद हो गई जिंदगी… अपना सपना सच करने के लिए करमिंदर रात-दिन इंटरनेट पर कनाडा जाने के तरीके खोजता रहता. इसी बीच, करमिंदर को इंटरनेट पर जगजीत सिंह उर्फ जग्‍गी नामक एक ऐसे शख्‍स का मोबाइल नंबर मिल गया. अब जगजीत के जाल में फंसकर करमिंदर की जिंदगी कैसे बर्बाद हुई, जानने के लिए क्लिक करें. आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, इमिग्रेशन ब्‍यूरो की शिकायत के आधार पर इंजामुल के खिलाफ भारतीय न्‍याय संहिता की धारा 318(4), 336(3), 340(2) और पासपोर्ट एक्‍ट की धारा 12 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया. इंजामुल के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए इंस्‍पेक्‍टर राजकुमार यादव के नेतृत्‍व में जांच टीम का गठन किया गया. पूछताछ के दौरान, इंजामुल ने पुलिस टीम के सामने कई ऐसे खुलासे किए, जिसके बाद इस मामले से जुड़ी तमाम परते एक-एक कर खुलती चली गईं. आरोपी इंजामुल हक ने पूछताछ में बताया कि वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का रहने वाला है. 2015 से पहले तक वह खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था. कड़ी मेहनत के बावजूद वह खेती से इतना नहीं कमा पा रहा था, जिससे वह अपने परिवार को एक बेहतर जिंदगी दे सके. बेहतर कमाई की आस में वह 2015 में वर्क वीजा पर सउदी अरब चला गया. करीब दो साल बाद मार्च 2017 में वर्क वीजा की अवधि खत्‍म होने के चलते वह भारत वापस आया गया. इसके बाद, जून 2017 में एक बार फिर वह वर्क वीजा पर सउदी अरब चला गया. यह भी पढ़ें: यात्री के बैग में हो रही थी अजीब सी हलचल, खोलकर देखा तो कांपने लग गए तमाम अफसर, जानें पूरा मामला… चेन्‍नई एयरपोर्ट के इस मामले में बैंकॉक से आए एक यात्री एयर इंटेलिजेंस यूनिट को गिरफ्तार किया गया है. इस यात्री के बैग से ऐसी चीज बरामद की गई, जिसे देखकर एक बारगी अफसरों के हाथ-पैर कांप गए. क्‍या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें. उसने बताया कि वर्क वीजा की अवधि खत्‍म होने के बाद वह 2019 में एक बार फिर भारत वापस आ गया. इसी बीच उसे पता चला कि रूस में जॉब के अच्‍छे अवसर आए हुए हैं. लिहाजा, इस बार उसने सउदी अरब की जगह रूस जाने का फैसला कर लिया. अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए उसने हारुन मिर्जा नामक एक एजेंट से संपर्क किया. हारुन मिर्जा ने उससे दो लाख रुपए लेकर उसके पासपोर्ट पर रूस के दो फर्जी वीजा लगा दिए. हालांकि, समय रहते उसे यह पता चल गया कि उसके पासपोर्ट पर लगे रूस के दोनों वीजा फर्जी हैं. जिसके बाद, उसने खुद से सउदी अरब के वीजा का इंतजाम किया और वहां चला गया. दो साल बाद, जब वह वापस आया तो उसके पासपोर्ट पर लगे फर्जी वीजा के चलते उसे गिरफ्तार कर लिया गया. Tags: Airport Diaries, Airport Security, Aviation News, CISF, Crime News, Delhi airport, Delhi police, IGI airportFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 12:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed