गांव के मास्टर से IAS का सफर! जानिए इस शिक्षक ने कैसे कर दिखाया कमाल!
गांव के मास्टर से IAS का सफर! जानिए इस शिक्षक ने कैसे कर दिखाया कमाल!
IAS Tushar Sumera: तुषार सुमेरा, गुजरात कैडर के 2012 बैच के IAS अधिकारी, अब राजकोट के नगर आयुक्त बने हैं. बता दें कि सुरेंद्रनगर जिले से शुरू हुई उनकी यात्रा युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, तो चलिए जानते हैं उनका शिक्षक से IAS बनने तक का सफर...
राजकोट: गुजरात में 3 IAS अफसरों का ट्रांसफर हुआ है. इसमें तुषार सुमेरा ने राजकोट के नए नगर आयुक्त (New Municipal Commissioner) का कार्यभार संभाला है. नगर आयुक्त डी. पी. देसाई के ट्रांसफर के बाद उनकी जगह तुषार सुमेरा को नियुक्त किया गया है. 2012 गुजरात कैडर के IAS अफसर तुषार सुमेरा की सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है. कौन हैं IAS तुषार सुमेरा, तो चलिए जानते हैं कैसे वो एक शिक्षक से IAS अधिकारी बने…
यात्रा की शुरुआत और लक्ष्य
लोकल 18 से बात करते हुए तुषार सुमेरा ने अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने अब राजकोट के नगर आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. उनका लक्ष्य शहर की हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान करना है. पुराने दिनों को याद करते हुए वे कहते हैं कि जिस कॉलेज में उन्होंने पढ़ाई की थी, उसी से अब नगर निगम के ऑफिस में आयुक्त बनने तक का सफर उनके लिए गर्व की बात है.
मूल रूप से सुरेंद्रनगर जिले के रहने वाले
बता दें कि तुषार सुमेरा मूल रूप से सुरेंद्रनगर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने सुरेंद्रनगर के एम.पी. शाह आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने राजकोट से एम.ए. और जूनागढ़ से बी.एड. की डिग्री पूरी की. शिक्षक के तौर पर काम करते हुए उन्होंने सोचा कि एक शिक्षक के रूप में वे सिर्फ एक-दो गांवों की पीढ़ियों को सुधार सकते हैं, लेकिन वे समाज की भलाई के लिए और बड़ा करना चाहते थे.
IAS बनने की तैयारी
2007 में तुषार सुमेरा ने प्रशासनिक परीक्षा (Administrative Exam) की तैयारी शुरू की. SPIPA में सिलेक्शन के बाद उन्होंने अंग्रेजी माध्यम में समाजशास्त्र और गुजराती साहित्य से परीक्षा दी. पांच प्रयासों के बाद वे IAS अफसर बनने में सफल रहे. परीक्षा की तैयारी के दौरान वे 14-15 घंटे पढ़ाई करते थे. चार साल तक उन्होंने औसतन 10 घंटे रोजाना पढ़ाई की. उन्होंने NCERT की किताबों, दूरदर्शन के राज्यसभा और लोकसभा के चर्चा कार्यक्रमों और अखबारों का सहारा लिया.
परिवार का समर्थन
तुषार सुमेरा के पिता दलपतभाई सुमेरा गुजरात लैंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में काम करते हैं, जबकि उनकी मां वढवाण में प्राइमरी टीचर हैं. उनके परिवार ने हमेशा परीक्षा देने में उनका समर्थन किया.
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IAS बनने का मकसद
IAS तुषार सुमेरा कहते हैं, “पहली सोच जिसने मुझे IAS बनने के लिए प्रेरित किया, वह यह थी कि पैसा कमाने के हजारों तरीके हैं, लेकिन अगर दूसरों की सेवा करके अच्छा स्टेटस, पैसा और इज्जत मिल सकती है, तो क्यों न हजारों लोगों की सेवा की जाए?”
Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 09:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed