महाराष्ट्र: परोल पर छूटे हत्याकांड के आरोपी ने 12 साल बाद किया सरेंडर SSC बोर्ड का रिजल्ट है बड़ी वजह
महाराष्ट्र: परोल पर छूटे हत्याकांड के आरोपी ने 12 साल बाद किया सरेंडर SSC बोर्ड का रिजल्ट है बड़ी वजह
Maharashtra News, Nagpur Convict News: संजय इन 12 सालों तक अपने परिवार के संपर्क में रहा. इस दौरान वह छिप-छिपकर बेटियों से मिलता रहा. पकड़ा न जाए इसलिए कभी भी उसने परिवार वालों से फोन पर बात नहीं की. ये 12 साल उसके लिए जेल से कम नहीं थे. वह न तो कहीं घूमने जाता और न ही अपने घर जाता.
हाइलाइट्सआरोपी शख्स का नाम संजय तेजन है और उसकी उम्र 50 वर्ष है. वह अपनी बेटियों के लिए भागा था. इस साल 12 मई को उसकी जुड़वां बेटियों ने दसवीं की परीक्षा पास की.12 साल तक फरार रहने के दौरान संजय अपने परिवार और बेटियों की मदद करता रहा.जेल विभाग और गैर सरकारी संगठन ने संजय की बेटियों को किया सम्मानित.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के नागपुर में हत्याकांड (Nagpur Murder Convict) के आरोप में सजा काट रहा एक आरोपी 12 साल पहले जब उसे परोल पर छूट मिली तो वह भाग गया. वह 12 साल तक फरार रहा इस दौरान पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश करती रही. अब आरोपी ने अचानक सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने के बाद उसे नागपुर के सेंट्रल जेल भेज दिया गया. इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात यह थी कि उसके सरेंडर करने के पीछे इस साल के एसएससी बोर्ड के नतीजे हैं.
जानकारी के अनुसार आरोपी शख्स का नाम संजय तेजन है और उसकी उम्र 50 वर्ष है. वह अपनी बेटियों के लिए भागा था. दरअसल इस साल 12 मई को उसकी जुड़वां बेटियों ने दसवीं की परीक्षा पास की. दोनों बेटियों ने महाराष्ट्र बोर्ड की परीक्षा में 86 और 83 प्रतिशत अंक हासिल किए. बताया जा रहा है कि जो शख्स अपनी बेटियों के लिए भागा उसकी वजह से उनकी बेटियों के भविष्य में कोई दिक्कत न आ जाए इसलिए उसने सरेंडर भी कर दिया.
फरार रहने के बाद भी जेल से कम नहीं थे ये 12 साल
संजय इन 12 सालों तक अपने परिवार के संपर्क में रहा. इस दौरान वह छिप-छिपकर बेटियों से मिलता रहा. पकड़ा न जाए इसलिए कभी भी उसने परिवार वालों से फोन पर बात नहीं की. ये 12 साल उसके लिए जेल से कम नहीं थे. वह न तो कहीं घूमने जाता और न ही अपने घर जाता. जीवन चलाने के लिए इस दौरान उसने एक प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी भी की.
शख्स ने बताया कि वह इन सालों में बस यही चाहता था कि उसकी दोनों बेटियां किसी तरह से 10वीं की परीक्षा पास कर लें. संजय जब पेरोल पर छूटा तो वह वापस पुलिस के पास नहीं पहुंचा. वह कहीं छिप गया था इस वजह से पुलिस भी उसे तलाश नहीं पाई. बेटियां ठीक से पढ़ सके इसलिए संजय ने एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करना शुरू कर दिया था.
जुड़वां बेटियों का जन्म 2007 को हुआ था
संजय की दोनों जुड़वां बेटियों का जन्म 2007 को हुआ था. दोनों की उम्र अब 16 साल है. दसवीं कक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए नागपुर सेंट्रल जेल में जेल विभाग और साथ ही में गैर सरकारी संगठनों ने दोनों को सम्मानित भी किया. दोनों बहने नागपुर जिले के हुटकेश्वर खुर्द चिकना के संताजी हाईस्कूल की स्टूडेंट थीं.
सजा के दौरान दो बार परोल पर गया था संजय
जानकारी के अनुसार संजन तेजन को 2003 में उसके पिता शालिराम और भाइयों वासुदेव और नामदेव के साथ एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. चारो लोगों को 2005 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. संजय दो बार अपनी पत्नी और मां से मिलने परोल पर आया था.
बेटियों के जन्म के बाद संजय ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसकी सजा को रद्द कर दिया जाए. हालांकि कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया. संजय के अनुसार इसके बाद उसने बेटियों के बड़े होने तक भगोड़ा रहने का फैसला लिया. संजय इस बात को जानता था कि उसके जेल से बाहर रहने का समय उसे अन्य छुट्टियों या फिर जेल से मिलने वाली दूसरी सुविधाओं से वंचित कर सकता है लेकिन उसने बेटियों से बढ़कर कुछ और नहीं समझा.
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Tags: Maharashtra, Nagpur newsFIRST PUBLISHED : July 22, 2022, 18:48 IST