INS ब्रह्मपुत्र हादसे में लापता नाविक का शव बरामद फिर से खड़ा हो पाएगा जहाज
INS ब्रह्मपुत्र हादसे में लापता नाविक का शव बरामद फिर से खड़ा हो पाएगा जहाज
आईएनएस ब्रह्मपुत्र 21 जुलाई को हादसे का शिकार हो गया था. मुंबई के डॉकयार्ड पर ब्रह्मपुत्र की मरम्मत का काम चल रहा था, तभी उसमें आग लग गई. लंबी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन इस दौरान युद्धपोत एक तरफ झुक गया.
मुंबई स्थित नौसैन्य डॉकयार्ड में भारत के प्रमुख युद्धपोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र में लगी भीषण आग के बाद लापता हुए मुख्य नाविक सितेन्द्र सिंह का शव बुधवार को बरामद कर लिया गया. नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि रविवार शाम को आग लगने के बाद युद्धपोत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और एक ओर झुक गया. जहाज की मरम्मत का काम जारी है.
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि गहन खोजबीन अभियान के बाद आज रविवार को मुख्य नाविक सितेन्द्र सिंह का शव बरामद कर लिया गया. उन्होंने कहा कि नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और भारतीय नौसेना के सभी कर्मी नाविक सितेंद्र सिंह के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.
मधवाल ने कहा कि नौसेना प्रमुख ने आईएनएस ब्रह्मपुत्र को फिर से समुद्री अभियानों में सक्षम बनाने और लड़ाकू भूमिका के लिए तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं. एडमिरल त्रिपाठी ने आईएनएस ब्रह्मपुत्र के चालक दल से जहाज के शीघ्र परिचालन की दिशा में काम करने का आह्वान किया.
आईएनएस ब्रह्मपुत्र को साल 2000 में नौसेना में शामिल किया गया था. वह दो दशक से भी अधिक समय से देश की सुरक्षा में लगा हुआ है. बताया जाता है कि मरम्मत के दौरान हुए हादसे में हजारों करोड़ रुपये की चपत लगी है. क्योंकि इस जहाज को बनाने में 6,000 करोड़ रुपये की लागत आई थी. यह युद्धपोत 125 मीटर लंबा और 3850 टन वजनी था.
वरिष्ठ सैन्य सूत्र बताते हैं कि युद्धपोत को सीधा करने और इसकी मरम्मत में बहुत समय लगेगा. यह कहा नहीं जा सकता है इसे फिर से कब इस्तेमाल लायक बनाया जा सकेगा. और यह अब भविष्य में इस्तेमाल होगा भी, इस पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. क्योंकि, दिसंबर 2016 में मुंबई नौसैनिक डॉकयार्ड में डॉक ब्लॉक से फिसलने के बाद आईएनएस बेतवा को सीधा खड़ा करने में लगभग तीन महीने लग गए थे. इसे सीधा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्सपर्ट बुलाए गए थे. आईएनएस बेतवा को समुद्र में चलने योग्य और ऑपरेशन लायक बनाने में बहुत अधिक समय लगा था. एक अन्य युद्धपोत आईएनएस विंध्यगिरि में भी 2011 में टक्कर के बाद भीषण आग लग गई थी. हालांकि, बड़ी लागत और प्रयास से बचाए जाने के बाद उसे सेवामुक्त करना पड़ा था. फरवरी 2014 में सिंधुरत्न पनडुब्बी में आग लगने से दो अधिकारियों की मौत हो गई थी.
Tags: Indian navy, Mumbai NewsFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 22:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed