हैलो! मैं Microsoft से बोल रहा हूं… दिल्ली के छोरे का US महिला को कैसे ठगा
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महिला ने ठगे जाने के बाद इस संबंध में शिकायत की तो मामला दो देशों के विदेश मंत्रालय तक पहुंचा. फिर गुजरात में उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू हुई. अब ईडी को इस मामले में आरोपी की पांच दिन की कस्टडी मिल गई है.
हाइलाइट्स युवक ने अमेरिकी महिला को माइक्रोसॉफ्ट एजेंट बन ठगा. क्रिप्टोक्रंसी के माध्यम से इस रकम को महिला से लिया गया था. महिला की शिकायत पर अब ईडी ने युवकों पर एक्शन लिया है.
नई दिल्ली. दिल्ली के एक लड़के ने एक साल पहले जुलाई के ही महीने में एक अमेरिकी महिला को फोन मिलाया. यह युवक साइबर फ्रॉड गैंग का हिस्सा था. युवक ने महिला को फोन पर कहा कि मशहूर सॉफ्टवेयर कंपनी “माइक्रोसॉफ्ट का एजेंट” . काम कराने के नाम पर धीरे-धीरे कर उसने एक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में महिला से $400,000 डॉलर (3.3 करोड़ रुपये) ट्रांसफर करवा लिए. लीजा रोथ नामक इस महिला को शायद ही पता था कि वह साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गई .
महिला ने इस संबंध में शिकायत की तो मामला दो देशों के विदेश मंत्रालय तक पहुंचा. फिर गुजरात में उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू हुई. मामले में क्रिप्टोकरेंसी और अवैध रूप से रुपयों के ट्रांसफर को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच में सक्रिय हो गया. एक साल बाद अब ईडी ने महिला को कॉल करने वाले दिल्ली के एक सट्टेबाज और क्रिप्टोकरेंसी हैंडलर को गिरफ्तार कर लिया . सट्टेबाज लक्ष्य विज पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन में रहता. गुजरात पुलिस ने उसे पूर्वी दिल्ली के क्रॉस रिवर मॉल से गिरफ्तार किया. यह भी आरोप लगाया गया कि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उसे रिहा करवाया था.
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किस-किस तक पहुंचा पैसा?
जांच में पता चला कि रोथ द्वारा ट्रांसफर किया गया पैसा प्रफुल गुप्ता और उनकी मां सरिता गुप्ता के वॉलेट में गया. जांच के दौरान यह भी पता चला कि करण चुग नाम का एक व्यक्ति गुप्ता से यह पैसा प्राप्त कर रहा था और इसे अलग-अलग वॉलेट में जमा कर रहा था. इसके बाद इस राशि को एक क्रिप्टोकरेंसी बेचकर अलग-अलग भारतीय फर्जी खातों में ट्रांसफर किया गया. करण और लक्ष्य के कहने पर यह पैसा ट्रांसफर किया गया. बाद में, उन्होंने लोगों से प्राप्त धन का उपयोग फेयर प्ले 24 जैसे सट्टेबाजी ऐप पर किया.
लक्ष्य है मास्टरमाइंड…
जांच एजेंसी ने पिछले महीने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर कई जगहों पर छापेमारी की और डिजिटल सबूत बरामद किए. अपराध में इस्तेमाल किए गए क्रिप्टो वॉलेट के मालिकों के बयान भी दर्ज किए गए. जांच में पता चला कि लक्ष्य के कहने पर ही सभी वॉलेट में पैसे ट्रांसफर किए गए और वह इस धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड . मुख्य आरोपी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 5 दिन की प्रवर्तन निदेशालय की मांग पर भेज दिया गया.
Tags: Enforcement directorate, Rouse Avenue Court, US NewsFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 22:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed