राष्ट्रपति चुनाव: महाराष्ट्र में मतदान से पहले सभी दलों की आखिरी कोशिश विधायक-सांसदों को समझाए वोटिंग के नियम
राष्ट्रपति चुनाव: महाराष्ट्र में मतदान से पहले सभी दलों की आखिरी कोशिश विधायक-सांसदों को समझाए वोटिंग के नियम
President Election: राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक दल अतिरिक्त सावधानी बरते रहे हैं ताकि सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उनके सांसदों और विधायकों द्वारा डाला गया एक भी वोट अमान्य न घोषित हो. महाराष्ट्र भाजपा के एक नेता ने बताया कि पार्टी ने अपने प्रत्येक सांसद और विधायक को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान से जुड़े नियम-कायदे समझाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए हैं.
हाइलाइट्सबीजेपी ने विधायक-सांसदों के लिए आयोजित किए ‘मॉक वोटिंग सत्र’चुनाव में एक भी वोट अमान्य न घोषित हो, पार्टियों की यह कोशिश 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर पड़े मतों में से 77 अमान्य घोषित हुए थे
मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठा रहे हैं कि सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उनके सांसदों और विधायकों द्वारा डाला गया एक भी वोट अमान्य न घोषित हो. राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के सांसद व विधायक शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को मैदान में उतारा है. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार हैं.
महाराष्ट्र भाजपा के एक नेता ने रविवार को बताया कि पार्टी ने अपने प्रत्येक सांसद और विधायक को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान से जुड़े नियम-कायदे समझाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए हैं, ताकि उनके मत किसी भी कमी या चूक के कारण अमान्य न हों. भाजपा ने अपने विधायकों और सांसदों के लिए ‘मॉक वोटिंग सत्र’ भी आयोजित किए हैं.
भाजपा नेता ने कहा, “2017 के राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर पड़े कुल मतों में से 77 अमान्य घोषित कर दिए गए थे. हमें नहीं पता कि अमान्य मतों में से कितने महाराष्ट्र के थे, लेकिन हम इस बार ऐसी किसी भी स्थिति से बचना चाहते हैं.”
विपक्ष की क्रॉस वोटिंग से बचने की भी कोशिश
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 108 विधायक, जबकि उसके सहयोगी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के 40 विधायक हैं. वहीं, दस निर्दलीय भी भाजपा के समर्थन में हैं. इसके अलावा, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के 15 विधायकों ने भी राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू के प्रति समर्थन जताया है. महाराष्ट्र विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के क्रमश: 53 और 44 विधायक हैं.
इसी तरह, महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों की बात करें तो इनमें से 23 पर भाजपा, 18 पर शिवसेना, चार पर राकांपा और एक-एक पर कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलीस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद काबिज हैं. एक अन्य सांसद निर्दलीय है. कांग्रेस और राकांपा ने अपने-अपने विधायकों और सांसदों के साथ बैठकें आयोजित की थीं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार सिन्हा को वोट दें और ‘क्रॉस वोटिंग’ की आशंका से बचा जा सके.
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Tags: Election Commission of India, Maharashtra, President of IndiaFIRST PUBLISHED : July 17, 2022, 21:27 IST