ट्रंप से महज 100 मीटर की दूरी तक कैसे पहुंचा हमलावर खतरनाक मोड़ पर अमेरिका

Donald Trump Attack: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को हुए हमले में कान के ऊपरी हिस्से में गोली लगने से घायल हो गए. हमलावर ने रैली में मौजूद एक व्यक्ति की भी हत्या कर दी और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

ट्रंप से महज 100 मीटर की दूरी तक कैसे पहुंचा हमलावर खतरनाक मोड़ पर अमेरिका
नई दिल्ली. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान हुए जानलेवा हमले के बाद रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा और जे.के. बंसल ने घटना की निंदा करते हुए अमेरिका के ‘गन कल्चर’ पर चिंता व्यक्त की है. कमर आगा ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर जानलेवा हमला बेहद दुःखद है. वह भारत के अच्छे मित्र हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके संबंध अच्छे हैं. पीएम मोदी ट्रंप को अपना मित्र बताते थे. उन्होंने कहा कि अमेरिका में पहले भी बड़े नेताओं पर जानलेवा हमले किए गए हैं. जॉन एफ. केनेडी की हत्या तक कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि अमेरिका में बंदूक की संस्कृति या ‘गन कल्चर’ बहुत गहरा चुका है, जो चिंता का विषय है. वहां बहुत सारे ऐसे हथियार हैं जिसे कोई भी खरीद सकता है. ऐसे हथियार जो सेना इस्तेमाल करती है. हमने अक्सर देखा है कि वहां के नौजवान स्कूलों में गोलीबारी कर देते हैं. अमेरिका की स्थिति बेहद खतरनाक है. हमलावर का क्या उद्देश्य था? यह अभी पता नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में आर्थिक संकट चल रहा है. महंगाई बढ़ गई है. आंशिक बेरोजगारी की समस्या है. पहले अमेरिका में मध्यम वर्गीय समाज होता था. हर कामकाजी व्यक्ति की आय लगभग बराबर होती थी, जो अब नहीं है. ट्रंप की सुरक्षा के सवाल पर कमर आगा ने कहा इस तरह की घटना के बाद सुरक्षा पर सवाल जरूर उठेंगे. सुरक्षा देने का निर्णय राष्ट्रपति के नियंत्रण में नहीं होता है. यह निर्णय एफबीआई करता है कि किसे कितनी सुरक्षा देनी है. वहां निजी सुरक्षाकर्मी भी होते हैं, लेकिन यह सोचने का विषय है कि हमलावर ट्रंप से महज 100 मीटर की दूरी तक कैसे पहुंच गया. इसका खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा, लेकिन अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता तो अमेरिका में हिंसा फैल जाती. उन्होंने कहा कि अमेरिका का लोकतंत्र भारत से अलग है. उनके यहां चुनाव प्रचार अलग तरीके से होता है. भारत में जैसे चुनाव रैलियां होती हैं, वैसे वहां नहीं होतीं. ट्रंप की घटना की कवरेज को अमेरिकी मीडिया में प्रमुखता से न दिखाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी यह देखा जा रहा है कि अमेरिका में मुख्यधारा का मीडिया नियंत्रित हो गया है. बड़े उद्योगों के हितों को देखते हुए वहां का मीडिया नियंत्रित हो गया है. यही वजह है कि वहां पर सोशल मीडिया बहुत ज्यादा मजबूत हो गया है, जिससे कुछ भी छुपाना बहुत मुश्किल होता है. इसे नियंत्रित करना अमेरिकी सरकार के लिए संभव नहीं है. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. जे.के. बंसल ने कहा कि यह ट्रंप की सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है. जहां रैली हो रही थी वहां की पास वाली इमारत की पूरी तरह से जांच करनी चाहिए थी. अमेरिका में गन कल्चर बहुत चिंता का विषय है. उन्होंने आगे बताया कि रैली में मौजूद एक व्यक्ति ने वहां के सुरक्षाकर्मी को संदिग्ध व्यक्ति के बारे में आगाह किया था, लेकिन फिर भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इतने विकसित देश में सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक होना चिंता का विषय है, लेकिन इस घटना पर ट्रंप की प्रतिक्रिया बेहद सराहनीय है. उन्होंने मंच से उठकर हाथ हिलाया और बड़ी ही मजबूती से कहा कि “हम लड़ेंगे”. ट्रंप का फिलहाल इलाज चल रहा है. संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और खुफिया सेवा एजेंसी इस घटना की जांच कर रही हैं. पीएम मोदी समेत सभी देशों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है. पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा कि भारत में पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई यह दिखाता है कि भारत एक अहिंसा प्रिय देश है. यह सांस्कृतिक और शांतिपूर्ण देश है. अमेरिका इतना विकसित है, फिर भी वहां ऐसी हिंसा हो रही है, इसका मतलब वहां संस्कृति में सुधार की जरूरत है. Tags: Donald Trump, Joe Biden, United StatesFIRST PUBLISHED : July 14, 2024, 22:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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