अरुण योगीराज को कैसे मिला इंडिया गेट पर लगने वाली नेताजी की मूर्ति बनाने का काम
अरुण योगीराज को कैसे मिला इंडिया गेट पर लगने वाली नेताजी की मूर्ति बनाने का काम
सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाने का काम मैसूर के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज को दिया गया था. पिछले साल केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची प्रतिमा योगीराज ने ही बनाई थी.
हाइलाइट्सप्रतिमा का डिजाइन संस्कृति मंत्रालय के तहत नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की एक टीम ने तैयार कियापिछले साल योगीराज ने मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें बोस की दो फीट की मूर्ति भेंट की थीवो प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम को अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक पूरे खंड का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान वो इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे. नेताजी की 28 फीट लंबी प्रतिमा लगाई जाएगी. इसे तैयार किया है मूर्तिकार अरुण योगी राज ने. उन्होंने मूर्ति के डिजाइन को लेकर सीएनएन-न्यूज 18 से खास बातचीत की. उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे उन्हें इस प्रतिमा को तैयार करने का काम मिला.
मूर्तिकार के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की तैयारी इस साल जनवरी के महीने में शुरू हुई थी. इसके लिए एक मीटिंग में भाग लेने के लिए उन्हें 8-9 अन्य कलाकारों के साथ फोन आया था. बैठक के दौरान तय हुआ कि प्रतिमा को पत्थर से बनाया जाएगा. योगीराज ने बताया कि वो पत्थर की मूर्ति बनाने में माहिर हैं.
आसान नहीं था काम
योगीराज ने बताया कि ये काम आसान नहीं था. उन्होंने कहा, ‘जब पत्थर से इतनी बड़ी मूर्ति को तराशने की बात आती है, तो कई तरह की मुश्किलें आती है. हमने वास्तविक प्रतिमा के पहले रेप्लिका तैयार की. फिर आखिर में वास्तविक मूर्ति पर काम शुरू किया गया. ये एक ग्रेनाइट की मूर्ति है और सामान्य रूप से ग्रेनाइट को तराशना एक कठिन काम है.’
26,000 घंटे में तैयार हुई मूर्ति
प्रतिमा का वजन 280 टन है और इसे तैयार करने के लिए कई कलाकार कई बार 24-24 घंटे तक काम करते रहे. संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, मूर्ति को तराशने में 26,000 घंटे से अधिक का समय लगा. योगी राज ने कहा, ‘कई कारणों से बहुत दबाव था. इसका उद्घाटन स्वयं प्रधान मंत्री द्वारा किया जाना है. इसे प्रतिष्ठित इंडिया गेट पर रखा जाना था और यह एक दुर्लभ मूर्ति थी जो एक कठिन कार्य था. मुझे पीएम से भी मिलने का मौका मिला जो मेरे और मेरी टीम के लिए बहुत अच्छा पल था. कलाकारों को इस तरह के प्रोजेक्ट मिलना दुर्लभ है और मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने और मेरी टीम ने इसे पूरा किया है.’
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Tags: Central Vista, Netaji Subhash Chandra BoseFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 15:00 IST