हिमाचल चुनाव: रिवाज बदलने के लिए एक्शन में हैं जेपी नड्डा गृह राज्य में जीत को बनाया प्रतिष्ठा का प्रश्न
हिमाचल चुनाव: रिवाज बदलने के लिए एक्शन में हैं जेपी नड्डा गृह राज्य में जीत को बनाया प्रतिष्ठा का प्रश्न
हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (Himachal election) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP chief JP Nadda) के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए हैं. अब पहाड़ी राज्य में सत्ता को बनाए रखने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. यहां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी ताकत झोंक रखी है. पार्टी अध्यक्ष नड्डा खुद रणनीतिक बैठकें करने के अलावा एक दिन में 3 रैलियों को संबोधित करते हैं.
हाइलाइट्सहिमाचल चुनाव में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सबसे अधिक सक्रिय दोबारा जीत के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा रहे हैं नड्डा भाजपा के असंतुष्टों के चुनाव मैदान में आने से रोचक हुआ चुनाव
नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (Himachal election) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP chief JP Nadda) के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए हैं. उन्हें उनके गृह राज्य में रिवाज बदलने के लिए पार्टी ने काम सौंपा है. पार्टी ने चुनावी नारा भी दिया है- रिवाज बदलना है. अब पहाड़ी राज्य में सत्ता को बनाए रखने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. दरअसल हिमाचल प्रदेश में ये मिथक है कि सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव हार जाती है, लेकिन अब भाजपा इस मिथक को तोड़ने के लिए दिन-रात एक कर रही है. यहां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी ताकत झोंक रखी है. यहां 12 नवंबर को चुनाव होने हैं. पार्टी अध्यक्ष नड्डा खुद रणनीतिक बैठकें करने के अलावा एक दिन में 3 रैलियों को संबोधित करते हैं.
पार्टी सूत्र बताते हैं कि जेपी नड्डा ने 30 अक्टूबर से अपना अभियान शुरू किया है और वे कुल 21 रैलियां करने और किसी भी वरिष्ठ नेता द्वारा सबसे अधिक रैलियों को संबोधित करने की उम्मीद है. जेपी नड्डा ने टिकट वितरण के बाद असंतोष को लेकर परेशान कार्यकर्ताओं को शांत करने से लेकर हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि पार्टी यह चुनाव जीत सके. उन्होंने आम कार्यकर्ता के मनोबल को बढ़ाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है. हालांकि कुछ पार्टी नेता जो टिकट पाने में असफल रहे, वे अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं. ये बागी नेता राज्य में पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार रैलियों पर उम्मीदें
मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा स्थानीय बोली का इस्तेमाल कर उनसे बातचीत कर रहे हैं और उन्हें संबोधित कर रहे हैं. भाजपा के पक्ष में वोट स्विंग करने और असंतोष के साथ-साथ गुटबाजी के प्रभाव को नकारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार रैलियों पर उम्मीदें टिकी हुई हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के टिकटों को अंतिम रूप देने में नड्डा की बड़ी भूमिका रही है. हालांकि, एक और चुनौती नेता के सामने है – उनका गृह क्षेत्र बिलासपुर.
पार्टी को बिलासपुर जीतने की जरूरत
चुनाव को लेकर सबके पास अपने-अपने आकलन हैं और एक नेता का कहना है कि नड्डा टिकट वितरण से परेशान लोगों से मिलने और उनसे बात करने में काफी समय बिता रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार जब नड्डा राज्य भर में प्रचार कर रहे हैं. वहीं, पार्टी को बिलासपुर जीतने की जरूरत है, जो बहुत आशाजनक नहीं दिख रहा है. उन्हें बिलासपुर में चार विधानसभाओं को पहुंचाने की जरूरत है. बिलासपुर जिले में चार निर्वाचन क्षेत्र हैं – बिलासपुर सदर, झंडुता, घुमारवीं और नैना देवी. नैना देवी को छोड़कर, भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों में तीनों में जीत हासिल की थी.
मतदाताओं को जोड़ने में जुटे हैं जेपी नड्डा
निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने वाले असंतुष्टों के साथ, पार्टी को चार में से तीन सीटें जीतने के अपने पिछले ट्रैक को बनाए रखने की जरूरत है. इसके लिए नड्डा राज्य में अपने पिछले चुनावों के परिणाम और घटनाओं का इस्तेमाल बिलासपुर के मतदाताओं से जोड़ने में कर रहे हैं. जब बुधवार को उन्होंने घरेलू मैदान में एक रैली में अपना संबोधन शुरू किया, तो उन्होंने याद किया कि कैसे उनके विरोधियों ने उनके ‘बाहरी’ होने की कहानी फैलाई थी. नड्डा ने कहा कि वह वास्तव में उन्हें गलत साबित करते हुए दिल्ली को बिलासपुर लाए थे.
21 असंतुष्टों का सामना जो निर्दलीय लड़ रहे हैं चुनाव
भाजपा का सामना 21 असंतुष्टों से भी करना होगा जो निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले एक कोशिश की गई थी, जिसके बाद कुछ नेताओं ने बहुत समझाने के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी. पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने वालों को पार्टी ने निलंबित करना जारी रखा है ताकि पार्टी विरोधी गतिविधियों को रोका जा सके और कार्यकर्ताओं में कार्रवाई का डर पैदा किया जा सके. पार्टी के नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की मतदाताओं से अपील उन्हें चुनावों में बहुत जरूरी बढ़त दिलाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि पहले से विभाजित कांग्रेस को भाजपा में असंतोष से कोई फायदा नहीं होगा.
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Tags: BJP chief JP Nadda, Himachal election, Himachal Pradesh ElectionsFIRST PUBLISHED : November 03, 2022, 16:54 IST