Nainital: औषधीय गुणों से भरा है उत्तराखंड का यह पौधा कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज

Nainital News: नैनीताल के ज्योलीकोट, रानी बाग, काठगोदाम, मंगोली खुरपाताल व अन्य क्षेत्रों में सिमई का पौधा देखा जा सकता है. यह औषधीय गुणों से भरपूर है और कई बीमारियों में काम आता है.

Nainital: औषधीय गुणों से भरा है उत्तराखंड का यह पौधा कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज
हिमांशू जोशी नैनीताल. उत्तराखंड में कई तरह के पेड़ पौधे मौजूद हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर है. इन्हीं में एक नाम आता है सिमई जिसे स्थानीय भाषा में सौं भी कहते हैं. इस पौधे में कई बीमारियों को ठीक करने के गुण हैं, जिस वजह से यह पौधा काफी महत्वपूर्ण है. पहाड़ में इसे एक अलग मान्यता के रूप से इस्तेमाल में लाया जाता है. सिमई का पौधा उत्तराखंड के गर्म क्षेत्र में पाया जाता है. नैनीताल के ज्योलीकोट, रानी बाग, काठगोदाम, मंगोली खुरपाताल व अन्य क्षेत्रों में आसानी से देखा जा सकता है. इस पौधे का वानस्पतिक नाम विटैक्स नेगुंडो है. यह पौधा कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है. वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ ललित तिवारी ने बताया कि जोड़ों के दर्द के लिए इसके पत्तों का तेल इस्तेमाल में लाया जाता है. इस तेल को जॉइंट्स में लगाने से दर्द दूर होता है. इसके अलावा अद कपाई में इसके तेल को कान में डालने से भी आराम महसूस होता है. पहाड़ों में इस पौधे से झाड़ने की मान्यता भी है. ग्रामीण पार्वती का कहना है कि जब कभी भी शरीर के किसी हिस्से में हवा पड़ती है यानी वह हिस्सा पैरालाइज होता है तब सौं के पत्तों से उस जगह पर झाड़ा जाता है. इसे 3-4 दिन तक लगातार करने से वह ठीक हो जाता है. पार्वती का कहना है कि उन्होंने भी इसे आजमाया है और काफी फायदा हुआ है. यह पौधा धार्मिक मान्यताओं से भी जुड़ा है. बेलपत्र के साथ सिमई के पत्ते भी भगवान भोलेनाथ को चढ़ाए जाते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Nainital newsFIRST PUBLISHED : September 01, 2022, 17:31 IST