नैनीताल: देवदार को कहते हैं वुड ऑफ द गॉड ऋषि-मुनि इस पेड़ के नीचे करते थे तपस्या! जानें सबकुछ

Deodar: पुराने समय में ऋषि-मुनि भगवान शिव की आराधना करने के लिए देवदार पेड़ के नीचे तप करते थे. वहीं, इस घर के आसपास लगाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.

नैनीताल: देवदार को कहते हैं वुड ऑफ द गॉड ऋषि-मुनि इस पेड़ के नीचे करते थे तपस्या! जानें सबकुछ
(रिपोर्ट- हिमांशु जोशी) नैनीताल. उत्तराखंड के जंगलों में पाया जाने वाला देवदार का पेड़ (Deodar Tree Benefits) बेहद ही खास है. नैनीताल, अल्मोड़ा, लोहाघाट के पहाड़ों में देवदार के घने जंगल देखने को मिल जाएंगे. उत्तराखंड के पहाड़ी राज्यों में इस पेड़ की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है. देवदार हिमालय में भी काफी संख्या में पाया जाता है, जिस वजह से 1900 से लेकर 2700 मीटर तक की ऊंचाई का वातावरण इन पेड़ों के काफी अनुकूल माना जाता है. अरोमा थैरेपी में देवदार का तेल काफी असरकारक माना जाता है. वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. ललित तिवारी बताते हैं कि सिडरस देवदार के पेड़ों की लंबाई 40 से 50 मीटर तक होती है. यह लार्ज एवरग्रीन कोनिफर ट्री (Large Evergreen Conifer Tree) के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पत्तियां सुई की तरह नुकीली होती हैं. इसके तने, पत्तियों और बाकी लकड़ी में तमाम तरह के केमिकल पाए जाते हैं, जिनमें टैक्सीफोलिन (Taxifolin), सिडरिन (Cidrin), डिओडेरिन (Deoderin), टैक्सीफिनौल (Taxiphenol), लेलोनॉल (Lelonol), एंथोल (Enthol) शामिल हैं. जानें क्‍यों कहते हैं वुड ऑफ द गॉड? देवदार को संस्कृत भाषा में देवदारु कहते हैं, जिसका मतलब है वुड ऑफ द गॉड यानी भगवान की लकड़ी. कहा जाता है कि पुराने समय में ऋषि-मुनि भगवान शिव की आराधना करने के लिए इसी पेड़ के नीचे तप करते थे. इस पेड़ में भोलेनाथ का वास माना जाता है, जिस वजह से इसे घर के आसपास लगाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.   ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Nainital news, Nainital tourist placesFIRST PUBLISHED : July 01, 2022, 17:15 IST