उत्तराखंड हाई कोर्ट का बड़ा आदेश विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारी नहीं होंगे बहाल

Uttarakhand news: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गत 15 अक्टूबर को निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी. 27 से 29 सितंबर तक अलग-अलग आदेशों में विधानसभा ने बैकडोर से भर्ती किए 228 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. जिसको कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.

उत्तराखंड हाई कोर्ट का बड़ा आदेश विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारी नहीं होंगे बहाल
नैनीताल. विधानसभा में बैकडोर से भर्ती मामले में निकाले गए कर्मचारियों को हाईकोर्ट से भी झटका लगा है. चीफ जस्टिस कोर्ट ने एकलपीठ के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें कर्मचारियों के निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए उनको सीधी भर्ती से नियुक्ति नहीं होने नौकरी पर बहाल करने को कहा था. बता दें कि विधानसभा सचिवालय ने एकलपीठ के फैसले चुनौती दी थी. दरअसल, हाई कोर्ट ने 15 अक्टूबर को निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी. 27 से 29 सितंबर तक अलग-अलग आदेशों में विधानसभा ने बैकडोर से भर्ती किए 228 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. जिसको कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी. वहीं, कर्मचारी अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने कोर्ट को कहा अगर उल्लंघन इनके जरिए हुआ तो गलत है. आर्टिकल 14 का उल्लंघन सिर्फ इन कर्मचारियों ने नहीं बल्कि 2001 से लेकर अब तक हुआ कैसे सिर्फ 2016 से 2021 तक के लोगों पर कार्रवाई हो सकती है. अवतार सिंह ने कहा कि इस आदेश के खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. इसके साथ ही अन्य मामलों को लेकर जो एकलपीठ में सुनवाई होनी है, उस पर कर्मचारियों का पक्ष रखेंगे. आपके शहर से (देहरादून) उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब देहरादून ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी उत्तराखंड में 'दायित्व की दवा' से 'अंतरकलह की कोढ़' दूरी करेगी बीजेपी, 4 दर्जन नेताओं की लिस्ट तैयार उत्तराखंड में 36 पुल असुरक्षित, मोरबी जैसे हादसे से बचने के लिए बनेगा ब्रिज बैंक उत्तराखंड: 31 मार्च, 2023 के बाद इन शहरों से आउट होंगे डीजल वाले ऑटो-विक्रम, जानें वजह देहरादून में आमने-सामने कौरवों-पांडवों के वंशज! तीर-कमान लेकर किया 'ठोउड़ा नृत्य' उत्तराखंड बोर्ड EXAM में कितने परीक्षार्थी, कितने परीक्षा केंद्र? यहां जानें सबकुछ मंत्रियों को टेंशन! गुजरात-हिमाचल चुनाव परिणाम के बाद धामी कैबिनेट का हो सकता है Expansion UKSSSC पेपर लीक मामला: नकल कर पास हुए 100 अभ्यर्थियों को STF ने किया चिन्हित, 45 की गवाही दर्ज उत्तराखंडियों का असली रहनुमा कौन? दिल्ली एमसीडी चुनाव में टिकट वितरण पर उत्तराखंड में सियासत उत्तराखंड: इलाज के बहाने 40 से अधिक लोगों का करवाया जा रहा था धर्मांतरण, केस दर्ज, जानें पूरा मामला 'मंदी' के दौर में उत्तराखंड का शराब बिजनेस, ऑफर्स से लेकर ओवर रेटिंग तक हर हथकंडे अपना रहे कारोबारी कल एमपी में प्रवेश कर रही है राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, प्रियंका भी 4 दिन रहेंगी साथ उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब देहरादून ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी बता दें कि गुरुवार को विधानसभा सचिवालय की स्पेशल अपील में वकील ने कहा कि भर्ती में नियमों का खुला उल्लंघन हुआ है. नियुक्ति में विधानसभा में भर्ती नियमावली का भी पालन नहीं किया गया और न ही विज्ञप्ति जारी की गई थी. एक प्रार्थना पत्र के आधार पर इन कर्मियों की बैकडोर नियुक्ति दी गयी थी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Uttarakhand high courtFIRST PUBLISHED : November 25, 2022, 09:06 IST