देहरादूनः डेयरी मालिक हो जाएं सावधान! रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो भरना पड़ेगा इतना जुर्माना
देहरादूनः डेयरी मालिक हो जाएं सावधान! रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो भरना पड़ेगा इतना जुर्माना
Dehradun News: पशुपालन विभाग की ओर से बनाए गए नए डेयरी एक्ट में यह प्रावधान किया गया है कि अगर डेयरी संचालकों ने अपनी डेयरी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया, तो नगर निगम उनसे 25,000 रुपये का जुर्माना वसूल सकता है.
हाइलाइट्सपंजीकृत न होने वाली डेयरियों पर देहरादून नगर निगम द्वारा कार्रवाई की जा रही है.प्रति पशु के हिसाब से रोजाना के 2000 रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा.
हिना आज़मी
देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में डेयरी संचालकों के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है लेकिन शहर की कई डेयरी पंजीकृत नहीं हैं. वहीं मानकों के अनुरूप काम न करने वाले डेयरी संचालकों और पंजीकृत न होने वाली डेयरियों पर देहरादून नगर निगम द्वारा कार्रवाई की जा रही है. पशुपालन विभाग की ओर से बनाए गए नए डेयरी एक्ट में यह प्रावधान किया गया है कि अगर डेयरी संचालकों ने अपनी डेयरी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया, तो नगर निगम उनसे 25,000 रुपये का जुर्माना वसूल सकता है.
इसके अलावा बीमार और बूढ़े पशुओं को आवारा सड़कों पर छोड़ने वालों के खिलाफ भी नगर निगम सख्ती करेगा. ऐसे लोगों से प्रति पशु के हिसाब से रोजाना के 2000 रुपये तक जुर्माना वसूले जाएंगे. मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी देहरादून में करीब 500 से ज्यादा डेयरी हैं. डेयरी संचालक नालियों में गोबर बहा देते हैं, जिससे नालियां ब्लॉक हो जाती हैं. वहीं कई डेयरी मालिक अपने पशुओं को आवारा सड़कों पर छोड़ देते हैं, जिससे कई बार हादसे हो जाते हैं या इन जानवरों की मौत हो जाती है. अब तक डेयरी संचालकों के लिए कोई ठोस नियम नहीं बनाए गए थे लेकिन अब पशुपालन विभाग, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम सख्ती बरत रहा है.
पशुओं पर रेडियोलॉजी माइक्रो चिप
अपर नगर आयुक्त जगदीश लाल ने जानकारी दी कि नगर निगम ने डेयरी संचालकों के लिए नए एक्ट की रूपरेखा तैयार कर उन्हें भेज दी है. वहीं, प्रत्येक पशुओं की पहचान करने के लिए पशुओं पर रेडियोलॉजी माइक्रो चिप लगाई जाएगी, जिसे पशुपालक हटा नहीं सकेंगे. पशुपालक सड़कों पर अपने पशुओं को छोड़ भी देते हैं तो चिप से आसानी से पशु मालिक की पहचान हो जाएगी और फिर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गोबर निस्तारण की अपील
डेयरी संचालक कमल ने नगर निगम के इस फैसले को अच्छा बताया, तो वहीं एक अन्य डेयरी संचालक कमलकांत अरोड़ा ने प्रशासन और नगर निगम से गोबर निस्तारण की अपील की है. उनका कहना है कि आवासीय क्षेत्रों में अब जगह नहीं बची है, जहां गोबर डाला जाए. गोबर खुले में डालने पर भी लोगों को मच्छर आदि की दिक्कत होती है.
माना जा रहा है नगर निगम की इस सख्ती से भविष्य में कई तरह का सुधार देखने को मिलेगा.
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Tags: Animal husbandry, Dehradun newsFIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 09:45 IST