राम रहीम नाम के जिन्न से पंजाब में किसको लगी मिर्चीकौन खिलाएगा गुल

Gurmeet Ram Rahim Side effects: वे कौन-कौन सी और कितनी सीटें हैं, जहां पर डेरा सच्चा सौदा समर्थक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ सकते हैं. क्योंकि, डेरा सच्चा सौदा की तरफ से पूर्व में बीजेपी को वोट देने की अपील की जाती रही है.

राम रहीम नाम के जिन्न से पंजाब में किसको लगी मिर्चीकौन खिलाएगा गुल
Gurmeet Ram Rahim Side effects : लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण में पंजाब की राजनीतिक तापमान में तेजी आ गई है. एक बार फिर से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम चर्चा के केंद्र में आ गए हैं. बता दें कि बीते मंगलवार को ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को रंजीत सिंह की हत्या के जुर्म से बरी कर दिया है. सीबीआई कोर्ट ने इसी मामले में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट का यह फैसला पंजाब में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आया है. राजनीतिक विश्लेषक इस फैसले के असर को लेकर अब तरह-तरह की बातें करना शुरू कर दिए हैं. ऐसे में जानते हैं कि क्या वाकई में पंजाब की सियासत में गुरमीत राम रहीम और अन्य डेरों के वजूद को दरकिनार नहीं किया जा सकता? बता दें कि चुनाव बेशक पंजाब में हो रहे हों, लेकिन इस फैसले की गूंज देश के दूसरे राज्यों में भी सुनाई दे रही है. मंगलवार को गुरमीत राम रहीम पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि, राजस्थान, यूपी और हरियाणा में चुनाव हो चुके हैं. डेरा सच्चा सौदा के लाखों अनुयायी इन राज्यों में रहते हैं. ऐसे में क्या अब पंजाब और हिमाचल प्रदेश की लोकसभा सीटों पर इसका असर देखने को मिल सकता है? पटियाला में विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम नरेंद्र मोदी. (x.com/BJPLive) पंजाब पॉलिटिक्स में डेरा का इंपेक्ट कितना असरदार? अगर हां तो वे कौन सी सीटें हैं, जहां पर डेरा सच्चा सौदा समर्थक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ सकते हैं. क्योंकि, डेरा सच्चा सौदा की तरफ से पूर्व में बीजेपी को वोट देने की अपील की जाती रही है. राजनीतिक विश्लेषक संजीव पांडये कहते हैं, ‘पंजाब और हरियाणा में 300 से ज्यादा डेरे हैं. इन डेरों को राजनीतिक दलों के द्वारा आश्रय दिया जाता रहा है. यह आज की बात नहीं है, पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से इन डेरों का प्रभाव पंजाब, हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और यूपी के कुछ इलाकों में रहता है. अगर डेरा सच्चा सौदा की प्रभाव वाले इलाके की बात करें तो यह मालवा क्षेत्र में ज्यादा है. संगरूर इलाके में भी डेरा सच्चा सौदा के समर्थक असरदार साबित होते आए हैं. हालांकि, अब इनका ज्यादा प्रभाव नहीं बचा है.’ ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल एक जून को करेंगे बड़ा ‘धमाका’… ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक से पहले किस बात को लेकर है नेताओं में बेचैनी? इस बीच गुरमीत राम रहीम की रिहाई पर कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह ‘चन्नी’ ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, लेकिन बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि जब चुनाव आते हैं उन्हें इसका लाभ क्यों मिलता है? राम रहीम को चुनाव के वक्त क्यों पैरोल दिया जाता है?’ डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा में है. डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा में है. हालांकि, डेरा सच्चा सौदा के सबसे ज्यादा अनुयायी पंजाब में रहते हैं. बठिंडा जिले का सलाबतपुरा डेरा पंजाब का सबसे बड़ा सच्चा सौदा डेरा है. गुरमीत राम रहीम इस डेरा का भी प्रमुख है. माना जाता है कि डेरा सच्चा सौदा का पंजाब के 25-30 विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव है. माना जा रहा है कि 30 मई को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख का संदेश अनुयायियों को सुनाया जाएगा कि किस पार्टी को वोट दें. कौन खेल बिगाड़ेगा और किसका खेल बिगडे़गा? पिछले साल भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को पैरोल देने पर हरियाणा की खट्टर सरकार चर्चा में आई थी. इसको लेकर काफी विवाद हुआ था और अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा था. ऐसे में अब देखना होगा कि लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण 1 मई को वोटिंग के दिन डेरा सच्चा सौदा समर्थकों का रुख किस तरह रहेगा? Tags: Dera Sacha Sauda, Gurmeet Ram Rahim, Gurmeet Ram Rahim Singh, Punjab lok sabha election 2024FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 13:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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