गुजरात: कोड़े से की थी दलितों की पिटाई हाईकोर्ट ने 6 साल बाद चार आरोपियों को दी जमानत
गुजरात: कोड़े से की थी दलितों की पिटाई हाईकोर्ट ने 6 साल बाद चार आरोपियों को दी जमानत
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायूर्ति निखिल करिएल ने सोमवार को चार मुख्य आरोपियों की नियमित जमानत मंजूर कर ली . हालांकि, अदालत ने उनके गिर सोमनाथ जिले में प्रवेश को तब तक प्रतिबंधित कर दिया जब तक निचली अदालत में पीड़ितों और अन्य की गवाही समाप्त नहीं हो जाती .
हाइलाइट्सआरोपी कथित गोरक्षकों के एक समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने 11 जुलाई, 2016 को दलितों की पिटाई की थी.अदालत ने उनके गिर सोमनाथ जिले में प्रवेश को तब तक प्रतिबंधित लगा दिया है जब तक निचली अदालत में पीड़ितों की सुनवाई नहीं हो जाती.अदालत ने राज्य के कानून विभाग के सचिव को भी नोटिस जारी कर पांच अगस्त तक जवाब मांगा है.
अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने गिर सोमनाथ जिले के ऊना में जुलाई 2016 में कथित गोरक्षकों द्वारा दलितों को कोड़े मारने के मामले के चार मुख्य आरोपियों को सोमवार को नियमित जमानत दे दी. पिछले छह साल में यह पहला मौका है जब आरोपियों को आदलत ने मामले में जमानत दी है .
अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता पहले ही लगभग छह साल की सजा काट चुके हैं, और मामले की सुनवाई में कुछ खास प्रगति नहीं हुई है. आरोपी कथित गोरक्षकों के एक समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने 11 जुलाई, 2016 को मोटा समाधियाला गांव में एक मृत गाय की खाल निकालने के लिए कुछ दलित पुरुषों पर हमला किया था.
सोमनाथ जिले में प्रवेश रहेगा प्रतिबंधित
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायूर्ति निखिल करिएल ने सोमवार को चार मुख्य आरोपियों की नियमित जमानत मंजूर कर ली . हालांकि, अदालत ने उनके गिर सोमनाथ जिले में प्रवेश को तब तक प्रतिबंधित कर दिया जब तक निचली अदालत में पीड़ितों और अन्य की गवाही समाप्त नहीं हो जाती .
आरोपी रमेश जादव, प्रमोदगिरी गोस्वामी, बलवंत गिरी गोस्वामी एवं राकेश जोशी जिले में केवल निचली अदालत की सुनवाई में शामिल होने के लिये ही प्रवेश करेंगे .
आरोपियों की जमानत अर्जी मंजूर करते हुये अदालत ने कहा कि आरोपियों ने छह साल जेल में बिताये हैं . यह अवधि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम के तहत अधिकतम पांच साल की सजा के प्रावधान से अधिक है . इसके अलावा हत्या के प्रयास और डकैती के मामले में भारतीय दंड संहिता के तहत मिलने वाली अधिकतम दस साल की सजा के आधे से भी अधिक है, जिसके तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज है .
अदालत ने राज्य के कानून विभाग के सचिव को भी नोटिस जारी कर पांच अगस्त तक जवाब मांगा है और मुकदमे की सुनवाई पूरी करने के लिए उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.
घटना में, जिसके वीडियो के कारण पूरे देश में आक्रोश फैल गया था, पीड़ितों को एक वाहन से बांध दिया गया और कथित तौर पर मृत गाय की खाल उतारने के लिए पीटा गया, जिसके बाद ऊना पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई.
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Tags: Gujarat High Court, Gujarat newsFIRST PUBLISHED : July 25, 2022, 23:43 IST