Gujarat Election 2022: बेरोजगारी बड़ा मुद्दा क्या साबरकांठा में मोदी फैक्टर करेगा करिश्मा

गुजरात के साबरकांठा सीट पर बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. इस सीट पर दलित और आदिवासी समुदाय का वर्चस्व है. बीजेपी को उम्मीद है कि वो जिले की सभी सीटों पर जीत हासिल कर लेगी. वहीं कांग्रेस ने भी यहां जीत का बड़ा दावा किया है.

Gujarat Election 2022: बेरोजगारी बड़ा मुद्दा क्या साबरकांठा में मोदी फैक्टर करेगा करिश्मा
हाइलाइट्ससाबरकांठा जिले पर है दलित और आदिवासी समुदाय का वर्चस्वबीजेपी को जिले की सभी 4 सीटों जीतने की उम्मीदकांग्रेस खामोशी से कर रही ग्रामीण इलाकों में प्रचार साबरकांठा. बीजेपी गुजरात के दलित और आदिवासी समुदाय के वर्चस्व वाले साबरकांठा जिले की सभी 4 सीटों को जीतने की उम्मीद कर रही है. हालांकि बेरोजगारी एक अहम मुद्दा बन गया है जिसे सत्तारूढ़ पार्टी हिंदुत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘करिशमे’ से बेअसर करने की कोशिश में है. दूसरी ओर कांग्रेस इस जिले में अधिक सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है और जिले के ग्रामीण इलाकों में खामोशी से प्रचार कर रही है. मालूम हो कि कांग्रेस ने पिछले चुनाव में 4 में से 1 सीट जीती थी. इस बार आम आदमी पार्टी (आप) भी मैदाम में है. ‘आप’ का असर खेड़ब्रह्मा को छोड़कर बाकी तीनों सीटों पर नहीं है. वहीं कांग्रेस और भाजपा से बगावत कर निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे नेता 2 सीटों पर दोनों दलों के लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं. बता दें कि साबरकांठा में दूसरे चरण के तहत 5 दिसंबर को मतदान होना है जिसमें हिम्मतनगर, इडर, खेड़ब्रह्मा और प्रांतिज विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले खेड़ब्रह्मा को छोड़कर, भाजपा ने 2017 में बाकि तीन सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे समझें साबरकांठा का पूरी समीकरण साबरकांठा जिले में लगभग 11 लाख मतदाता हैं, जिनमें अनुसूचित जनजाति के 30 प्रतिशत वोटर शामिल हैं. अनुसूचित जाति समुदाय के कुल मतदाताओं की आबादी 20 प्रतिशत है जबकि मुस्लिम लगभग दो फीसदी और पटेल 10 प्रतिशत हैं, जबकि शेष में क्षत्रिय, राजपूत, कोली, ब्राह्मण और अन्य समुदाय शामिल हैं. लगभग 85 प्रतिशत मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, लघु व्यवसाय और हिम्मतनगर में मिट्टी के बरतन बनाने वाले उद्योग और दूध प्रसंस्करण के इर्द-गिर्द घूमती है. अनुसूचित जाति (एससी), क्षत्रिय, ब्राह्मण और राजपूत पिछले दो दशकों से भाजपा के प्रतिबद्ध मतदाता रहे हैं, लेकिन प्रभावशाली पाटीदार समुदाय 2012 तक भाजपा के साथ था, लेकिन समुदाय का एक बड़ा वर्ग आरक्षण आंदोलन के बाद पार्टी से छिटक गया. जिले में अनुसूचित जाति (एसटी), कोली समुदाय और अल्पसंख्यकों की पहली पसंद कांग्रेस रही है. साबरकांठा में बेरोजगारी एक प्रमुख मुद्दे के रूप में उभरा है. भाजपा हिंदुत्व और मोदी के सहारे है और उद्योगों को स्थापित करने का वादा कर मतदाताओं को लुभा रही है. भाजपा नेता विजय पंड्या ने कहा, ‘ हमें इस बार सभी सीटें जीतने का पूरा भरोसा है. यहां के लोग खुद को हमारी विचारधारा से जोड़कर देखते हैं और राज्य के किसी भी अन्य हिस्से की तरह यहां भी प्रधानमंत्री मोदी के काफी समर्थक हैं. हमने क्षेत्र में बड़ी विनिर्माण इकाई लगाने का वादा किया है, ताकि युवाओं को कहीं और न जाना पड़े.’ ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Assembly election 2022, Gujarat Elections, Gujarat newsFIRST PUBLISHED : December 03, 2022, 19:11 IST